2012-06-25 13:48:40

अंतरधार्मिक वार्ता सम्मेलन में 40 मुस्लिमों ने बाईबल ग्रहण किया



मुल्तान, पाकिस्तान 25 जून, 2012(एशियान्यूज़) पाकिस्तान के मुल्तान में ‘शांति और सद्भाव का विस्तार’ विषय पर हुए सेमिनार में 40 से ज़्यादा मुसलमानों ने हिस्सा लिया।

एशिया न्यूज़ ने बतलाया कि मुल्तान पंजाब में 12 से 15 जून तक आयोजित सेमिनार की पहल क्रिश्चियन संगठन ‘पाकिस्तान आउटरीच’ के निदेशक अशर विलियम ने किया था।

सेमिनार के लक्ष्य के बारे में बतलाते हुए कहा कि इससे दोनों समुदायों के बीच ‘शांति सेतु’ बनेगा और मुसलमान ख्रीस्तीय परंपरा को समझने पायेंगे।

विदित हो कि पाकिस्तान आउटरीच संगठन पाकिस्तान मे अंतरधार्मिक वार्ता, सामाजिक सद्भाव औऱ शांति के प्रचार-प्रसार के लिये कार्य करती है।

विलियम्स ने एशियान्यूज़ को बतलाया कि सेमिनार का आयोजन उनके जीवन के लिये ऐतिहासिक पल था। उन्होंने कहा इस बात को पूर्ण रूप से व्यक्त नहीं किया जा सकता है। विलियम ने कहा कि उन्होंने 15 बाईबल मुसलमानों को बाँटा और कहा कि इस तरह का अद्वितीय अनुभव उन्हें पहले कभी नहीं हुआ था।

विलियम्स चाहते हैं कि एक ऐसे समाज का निर्माण हो जहाँ समानता हो अहिंसा हो और कोई भेदभाव न हो।

विलियम्स ने बतलाया कि सेमिनार में दो प्रमुख मुसलिम धार्मिक नेता अलहाज़ तहीर अबास नक्वी और एजडा मेहमुद उपस्थित थे और उन्होंने भी बाईबल की प्रतियाँ ग्रहण कीं।

अबास नक्वी ने बाइबल अपने हाथों में पकड़ कर कहा कि यह उनके लिये एक अभूतपूर्व अनुभव है। उन्होंने कहा वे निश्चय ही बाईबल का अध्ययन करेंगे और इससे उसके परिवार को ईश्वरीय आशिष प्राप्त होगी।

नक्वी ने इस बात को स्वीकार किया कि ख्रीस्तीयों के बारें में उनके विचार ग़लत थे वे सोचते थे कि ईसाई इस्लाम और पाकिस्तान के विरुद्ध हैं। पर अब उन्हें पता चला कि ईसाई उनके प्रिय मित्र और समर्पित नागरिक है विशेषकरके शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में।

एज़ाज मेहमुद ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि सरकार ने भेदभावपूर्ण नियम बनाये हैं जिसने धार्मिक समुदायों के बीच कई समस्यायों को पैदा कर दी हैं।

उन्होंने कहा कि ख्रीस्तीयों में ईश्वर की अवधारणा को जानने के बाद उसके मन में ख्रीस्तीयों के प्रति जो पूर्वधारणा थी वह बदल गयी।

उन्होंने कहा कि इस सेमिनार ने उन्हें यह प्रेरणा दी कि वह बाईबल पढ़ें और येसु की शिक्षा से प्रेरित और कार्य करें।












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