2012-06-19 12:17:33

मुम्बईः ख्रीस्तीयों को चाहिये समुदाय से उपराष्ट्रपति


मुम्बई, 19 जून सन् 2012 (ऊका): भारत के काथलिक समूहों ने मांग की है कि उपराष्ट्रपति के पद के लिये ख्रीस्तीय समुदाय से किसी व्यक्ति की नियुक्ति पर विचार किया जाये।
ख्रीस्तीय ग़ैरसरकारी संगठनों के संघ सहित काथलिक सैक्यूलर फोरम सी.एफ.एस.ने सोमवार को कहा कि स्वतंत्र भारत में अभी तक कोई भी शीर्ष संवैधानिक पद ईसाई समुदाय को नहीं दिया गया।
इस बात पर बल देते हुए कि ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों ने कई वरिष्ठ पदों पर रहते हुए देश के प्रति समर्पण एवं निष्ठा का प्रमाण दिया है उक्त ख्रीस्तीय समूहों ने मांग की कि उपराष्ट्रपति के पद पर इस बार किसी ख्रीस्तीय धर्मानुयायी की नियुक्ति की जाये। इस पद के लिये उन्होंने राजस्थान की राज्पाल मार्ग्रेट आल्वा, काँग्रेस नेता ऑस्कर फरनानडेज़, पूर्व बैंगलोर पुलीस अधीक्षक एच.टी. सांगलियाना तथा कर्नाटक के न्यायमूर्ति एम.एफ. सल्दाना के नाम भी सुझाये।
सी.एस.एफ. के संस्थापक जोसफ डायस ने कहा, "ख्रीस्तीय समुदाय द्वारा अर्पित सेवाओं को संवैधानिक पदों के साथ पुरस्कृत नहीं किया गया है। हम अपने आप को उपेक्षित महसूस करते हैं इसलिये कि ऐसे कई ख्रीस्तीय हैं जो इन पदों के लिये अन्यों के समान या उनसे भी अधिक योग्य हैं फिर भी उन्हें अनदेखा कर दिया जाता है।"
ऑल इंडिया कैथोलिक यूनियन के राष्ट्रीय सचिव लॉरेंस डिसूजा ने कहा, "भारतीय ईसाइयों ने राष्ट्रीय स्तर पर हर क्षेत्र में यहाँ तक कि सशस्त्र बलों के प्रमुखों के पद पर भी अपनी प्रतिभा का परिचय दिया तथा सराहनीय कार्य किये है।"
भारतीय ईसाई कांग्रेस के अध्यक्ष मार्क डिसूजा ने कहा कि बिना किसी भेदभाव के जरूरतमंद लोगों के प्रति ईसाइयों की सेवा अतुलनीय है।
सी.एस.एफ. के संस्थापक जोसफ डायस ने बताया कि इन मांगों के लिए एक ऑनलाइन याचिका पर एक हज़ार से अधिक धर्माध्यक्षों, पुरोहितों, धर्मबहनों, ग़ैरसरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों, अनिवासी भारतीयों तथा सामान्य जनता के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किये हैं।








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