2012-06-19 11:48:10

50वें अंतरराष्ट्रीय यूखरिस्तीय काँग्रेस के समापन पर संत पापा का संदेश



डबलिन, आयरलैंड, 18 जून, 2012 (सेदोक, वीआर) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने आयरलैंड के डबलिन में आयोजित 50वें यूखरिस्तीय समारोह के समापन दिन लोगों को संदेश देते हुए कहा,"मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनों, 50वें अन्तरराष्ट्रीय यूखरिस्तीय काँग्रेस की विषयवस्तु ‘कम्युनियन विथ क्राइस्ट एंड विथ वन अनादर’ अर्थात् ‘येसु और एक-दूसरे के साथ पारस्परिक एकता’ हमें इस बात के लिये आमंत्रित करती है कि हम येसु और इसके सदस्यों के साहचर्य के रहस्य रूप पर चिन्तन करें।"

कलीसिया के आरंभ से ही ख्रीस्त के अनुयायियों ने दो बातों ‘कोइनोनया या कोम्युनियो’ अर्थात् सामुदायिक एकता पर विशेष ध्यान दिया। ये दोनों पक्ष कलीसिया के अर्थ और कलीसिया के संस्थापक येसु मसीह और इसके संस्कार को समझने में मदद देती है।

बपतिस्मा संस्कार द्वरा हम येसु की मृत्यु में सहभागी होते हैं और येसु मसीह के एक नये परिवार में पुनर्जन्म पाते हैं;दृढ़ीकरण संस्कार द्वारा हमें पवित्र आत्मा का सील या छाप प्राप्त होता है;और यूखरिस्त संस्कार द्वारा हम येसु में और एक-दूसरे में दृश्य रूप से एक हो जाते हैं। इस तरह से हम अनन्त जीवन के अधिकारी बनते हैं।

संत पापा ने कहा, "यूखरिस्त संस्कार पूरी कलीसिया की ओर से चढ़ाया जाने वाली एक आराधना है फिर भी प्रत्येक ख्रीस्तीय को कलीसिया के पूर्ण रूपेण हिस्सा लेने की आवश्वयकता है;यह चुनी हुई प्रजा बनने का एक आमंत्रण तो है ही, व्यक्तिगत पवित्रता की पुकार भी है।"

संत पापा ने कहा, "इस समारोह को पूर्ण खुशी और सादगी से तो मनाया जाना चाहिये, साथ ही जितना बन सके खुद को पूर्ण रूप से योग्य बना कर पूरे सम्मान के साथ इसमें हिस्सा लेना चाहिये।"

उन्होंने कहा, "यूखरिस्त संस्कार हमें अपने पापों के लिये पश्चात्ताप करने का एक आमंत्रण है और लोगों को क्षमा देने का समारोह। यह आत्मा में सबों को एक कर लेता है और यह आज्ञा देता है कि हम उसी उत्साह से मुक्ति के संदेश को दूसरों को सुनायें।"

संत पापा ने कहा, "आयरलैंड सदियों पहले इसी यूखरिस्तीय बलिदान की शक्ति से अनेकों मठवासियों, शहीदों और मिशनरियों को पैदा किया जिन्होंने वीरतापूर्वक अपने विश्वास को जीया और ईश्वरीय प्रेम और क्षमा का प्रचार पूरी दुनिया में किया। आप उसी गौरवशाली परंपरा के उत्तराधिकारी है।"

"हमारा ख्रीस्तीय विश्वास ईश्वरीय उपस्थिति से सिंचित, सृष्टि की सुन्दरता से मोहित, व्यक्तिगत पश्चात्ताप और क्षमाशील ईश्वर से परिशोधित है अगर येसु की वेदी पर लगातार चढ़ाये जाने से निश्चिय ही यूखरिस्तीय संस्कार द्वारा पूर्ण और पोषित होगी।"

संत पापा ने प्रार्थना की कि ईश्वर अंतरराष्ट्रीय यूखरिस्तीय काँग्रेस के प्रत्येक जन को आध्यात्मिक अनुभवों से भर दे ताकि वह येसु और पूरी कलीसिया के साथ आत्मीय एकता का अनुभव करे।

उन्होंने कहा कि वे सभी ख्रीस्तीयों को माता मरिया ईश्वर की माता और आयरलैंड के संरक्षक संत पात्रिक के चरणों में सौंप देते हैं और सबों को प्रभु येसु की दया और शांति का प्रेरितिक आशीर्वाद देते हैं।












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