जिनिवा, 14 जून सन् 2012 (बी.बी.सी.): विश्व स्वास्थ्य संगठन, डब्ल्यूएचओ, की हालिया
रिपोर्ट के अनुसार डीज़ल का धुँआ कैंसर का कारण बनता है। डब्ल्यूएचओ में कैंसर पर अनुसन्धान
करनेवाली अन्तरराष्ट्रीय संस्था के विशेषज्ञों के अनुसार डीज़ल के धुएँ से फेफड़ों एवं
ब्लैडर को नुकसान पहुँचता है जो कैंसर में बदल जाता है। खदानों एवं रेलवे के श्रमिकों
तथा ट्रक चालकों पर किये गये शोध के अनुसार विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उक्त रिपोर्ट प्रकाशित
की है। कैंसर पर शोध करनेवाली उक्त संस्था के अनुसार ख़तरनाक उद्योगों में काम
करने वाले लोगों में फेफड़े का कैंसर विकसित होने का खतरा 40 फीसदी अधिक होता है। संस्था
के निदेशक डॉक्टर क्रिस्टोफर पोरटियर ने कहा, "'इस बात के वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद हैं
और सभी इस राय से सहमत हैं कि डीजल के धुएं से फेफड़ों में कैंसर होता है।'' स्वास्थ्य
पर डीज़ल के दुष्परिणामों के मद्देनज़र, उन्होंने कहा, "सम्पूर्ण विश्व में डीज़ल के
उपयोग को कम करने हेतु प्रयास किये जाने चाहिये"।