2012-06-13 13:11:06

संत पापा की धर्मशिक्षा
बुधवारीय-आमदर्शन समारोह में
13 जून, 2012


वाटिकन सिटी, 13 जून, 2012 (सेदोक, वी.आर) बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने वाटिकन स्थित पौल षष्टम् सभागार में एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया।

उन्होंने अंग्रेजी भाषा में कहा - अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, आज की धर्मशिक्षामाला में हम ‘ख्रीस्तीय प्रार्थना’ विषय पर अपना चिन्तन जारी रखते हुए प्रेरित संत पौल की व्यक्तिगत मनन-ध्यान प्रार्थना के साक्ष्य के बारे में विचार करें।
संत पौल अपने प्रेरितिक कार्य की वैधानिकता की रक्षा करते हुए लोगों को बतलाते हैं कि उन्होंने प्रार्थना में येसु के साथ एक गहरा संबंध बनाया जो आनन्द, दर्शन और प्रकाशनाओं से पूर्ण था।
इतना ही नहीं उन्होंने यह भी बतलाया कि ईश्वर ने उनके लिये परीक्षा की घड़ी भी दी ताकि वे अपने विश्वास में मजबूत हो सकें। परीक्षा की घड़ी को शरीर में एक रहस्यात्मक काँटा कहा जा सकता है। इसीलिये संत पौल ने अपनी कमजोरियों पर गर्व करते हुए कहा है कि वे कमजोर हैं ताकि ईश्वर की शक्ति उनमें बनी रहे।
अपनी प्रार्थना के रहस्यात्मक अनुभव के बाद पौल को यह आभास हुआ कि ईश्वर का राज्य हमारे प्रयासों के कारण नहीं, पर ईश्वरीय शक्ति से ही आ सकता है जो हमारी कमजोरी के बावजूद हममें चमकेगा।
इस प्रकार हम देखते हैं कि मनन-ध्यान प्रार्थना हमें उत्प्रेरित करती और चुनौतियाँ भी देती है। प्रार्थना में हम ईश्वरीय प्रेम की सुन्दरता और अपनी कमजोरियाँ दोनों का अनुभव कर सकते हैं। संत पौल हमें शिक्षा देते हैं कि हम अपने दैनिक प्रार्थना में धैर्यवान बने रहें विशेषकर के आध्यात्मिक सूखेपन और विपत्ति के समय में, क्योंकि ऐसे ही समय में हम ईश्वरीय प्रेम का गहरा अनुभव करते हैं जो हमारे जीवन को बदल सकता है।
इतना कहकर संत पापा ने अपना संदेश समाप्त किया।
उन्होंने कहा वे इंटर कोइफुर्रे वर्ल्ड काँग्रेस में भाग ले रहे प्रतिनिधियों, साउथवार्क धर्मप्रांत के अंगलिकनों और कैथोलिक सोसायटी ऑफ द टू हार्ट्स ऑफ जीज़स एंड मेरी के सदस्यों का स्वागत करते हैं। उन्होंने फिनलैंड के ‘कैनटोरेस मिनोरेस’ और अन्य गायक मंडलियों को उनके गीतों के लिये धन्यवाद दिया।

संत पापा ने कहा कि मैं आयरलैंड के डुबलिन में चल रहे यूखरिस्तीय सम्मेलन की भी याद करना चाहता हूँ और आप लोगों से अपील करता हूँ आप अंतरराष्ट्रीय काँग्रेस के लिये प्रार्थना करें ताकि यह ऐसा आध्यात्मिक फल लाये जिससे लोग यूखरिस्त में उपस्थित येसु को और कलीसिया के प्रति उनके प्यार को समझ सकें। इतना ही नहीं प्रत्येक दिन यूखरिस्तीय बलिदान में सहभागी होकर ख्रीस्तीय येसु से एक हो सकें और एक-दूसरे प्रेम कर सकें।
उन्होंने इंगलैंड, न्युजीलैंड, सोमोओ और अमेरिका के तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों एवं उनके परिवार के सभी सदस्यों पर प्रभु की कृपा तथा शांति की कामना करते हुए सबों को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।













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