2012-06-06 11:48:17

वाटिकन सिटीः यौन नैतिकता पर धर्मबहन की पुस्तक की निंदा


वाटिकन सिटी, 06 जून सन् 2012 (ऊका): वाटिकन ने अमरीका की धर्मबहन सि. मार्ग्रेट फारली द्वारा, यौन नैतिकता पर लिखी पुस्तक की कड़ी निन्दा की है और कहा है कि यह कलीसिया की शिक्षाओं से मेल नहीं खाती।

अमरीका के योले विश्वविद्यालय में ख्रीस्तीय नैतिकता की प्राध्यपिका रहीं धर्मबहन सि. मार्ग्रेट फारली ने अपनी पुस्तक में महिला हस्तमैथुन की प्रशंसा है तथा तलाक और समलिंगकामी सम्बन्ध को स्वीकृति दी है।

सोमवार को वाटिकन स्थित विश्वास एवं धर्मसिद्धान्त सम्बन्धी परमधर्मपीठीय परिषद ने एक अधिसूचना जारी कर कहा कि यौन नैतिकता पर लिखी सि. फारली की पुस्तक परिवार, विवाह वं प्रजनन पर काथलिक कलीसिया की शिक्षाओं से मेल नहीं खाती हैं। अधिसूचना में काथलिक प्राध्यापकों को कड़ा आदेश दिया गया है कि वे इस पुस्तक का इस्तेमाल काथलिक प्रशिक्षण केन्द्रों, विश्वविविद्यालयों एवं गुरुकुलों में न करें।"

विश्वास एवं धर्मसिद्धान्त सम्बन्धी परमधर्मपीठीय परिषद की अधिसूचना पर परिषद के अध्यक्ष कार्डिनल विलियम लेवादा ने हस्ताक्षर किये हैं जिसे सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें का अनुमोदन भी मिला है। अधिसूचना में कहा गया कि फारली की पुस्तक, "जस्ट लव, अ फ्रेमवर्क फॉर क्रिस्टियन सेक्शुअल एथिक्स", काथलिक कलीसिया की शिक्षाओं की अवहेलना करती है तथा कहीं कहीं उसे केवल एक धारणा अथवा राय के रूप में प्रस्तुत करती है।"

पुस्तक में फारली ने दावा किया है कि महिलाओं ने हस्तमैथुन में महान आत्मसुख का अनुभव किया है। उन्होंने लिखा कि हस्तमैथुन रिश्तों को मज़बूत करने में मदद देता है। इसका विरोध करते हुए वाटिकन की अधिसूचना में कहा गया कि यह काथलिक विश्वास के बिलकुल विपरीत है जिसमें हस्तमैथुन को एक गम्भीर विकृत कृत्य माना गया है।

अधिसूचना में यह भी कहा गया कि फारली द्वारा समलिंगकामी सम्बन्धों को स्वीकृति देना पवित्र धर्मग्रन्थ के विरुद्ध है जिसमें समलैंगिकता को चरित्रहीनता कहा गया है। इसके अतिरिक्त, वाटिकन ने कहा कि तलाक एवं पुनर्विवाह के प्रति फारली की उदारता ईश्वरीय विधान का उल्लंघन है।








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