मिलान, इटली, 2 जून, 2012 (वीआर, अँग्रेज़ी) 7वें विश्व परिवार दिवस के लिये मिलान पहुँचने
पर शुक्रवार 1 जून को संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें के सम्मान में एक संगीत कार्यक्रम आयोजित
किया किया।
संगीत कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए संत पापा ने संगीत
की सराहना करते हुए कहा, " आज का यह पल इस संगीत कार्यक्रम में विश्व के विभिन्न देशों
के प्रतिनिधियों के लिये एक सुखद पल होना चाहिये था पर हाल में आये भूकम्प के कारण हुई
तबाही ने इसकी खुशी को कम कर दिया है।"
विदित हो कि संगीत कार्यक्रम में ला स्काला
ऑक्रेस्ट्रा ने संगीत निर्देशक दानियेल के संचालन में बीथोवेन की 9वीं सिम्फोनी प्रस्तुत
की जिसे ‘ऑड टू जोय’ अर्थात् ‘खुशी का स्तोत्र’ रूप में जाना जाता है।
संत पापा
ने कहा, "फ्रेड्रिक शिलर्स के आनन्द भरे शब्द आज अधुरे लग रहे हैं, सच बात तो यह है कि
वे असत्य प्रतीत हो रहे हैं। हम इन शब्दों में दिव्य शक्ति का अनुभव नहीं कर रहे हैं।
हममें आग की ज्वाला दिखाई नहीं पड़ रही हैं क्योंकि हम आज उस विनाश की विभीषिका से स्तंभित
हैं जिसने कई लोगों को हमसे छीन लिया है और हमारे मकानों को तहस-नहस कर दिया है।"
संत
पापा ने कहा, " आज चमकीले तारों के ऊपर एक प्यारा पिता की कल्पना करना भी संदेह जनक लगता
है। हमारा प्रश्न है कि क्या तारों के ऊपर हमारा कोई पिता है? क्या स्वर्गीय पिता की
अच्छाइयाँ हम तक नहीं पहुँच रहीं हैं?"
संत पापा ने कहा, "हम उस ईश्वर की खोज
करते हैं जो दूर में नहीं, पर वहीँ खड़ा है जहाँ हम दुःख झेल रहे हैं।"
उन्होंने
कहा, "आज हम ईश्वर संबंधी असत्य बातें नहीं करते कि वे हमसे दूर में हैं। हम उसके बारे
में बातें करते हैं जो हमारे निकट है। हम आज उस भ्रातृत्व की आशा करते हैं जो विपत्ति
के समय हमारी मदद करे हमें आगे जाने में मदद दे।
संत पापा ने कहा, "कई लोग इस
संगीत कार्यक्रम के बाद यूख्ररिस्तीय आराधना के लिये जायेंगे जहाँ हम पायेंगे कि येसु
ने अपने-आपको हमारे लिये दिया और अपने को देना जारी रखता है;वह हमारे साथ और हमारे लिये
दुःख उठाता है और इस तरह से वह लोगों को इस बात को सिखलाना चाहता है कि वे भी दूसरों
के लिये दुःख उठायें और दुःख को प्रेम में परिणत कर दें; और इसी लिये हम सब यहाँ बुलाये
गये हैं।"