कार्डिनल बान्यासको का कहना परिवार सामाजिक जीवन का पहला बुनियादी
मिलान इटली 31 मई 2012 (एसआईआर) इटली के मिलान शहर में 30 मई से 3 जून तक सम्पन्न हो
रहे 7 वें विश्व परिवार सम्मेलन के तहत अंतरराष्ट्रीय ईशशास्त्रीय मेषपालीय कांफ्रेस
के दूसरे दिन इताली धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष कार्डिनल आंजेलो बान्यासको ने कहा
कि जो समाज, परिवार की देखरेख और परवाह नहीं करता है वह समाज स्वयं के खिलाफ ही हो जाता
है।
उन्होंने समाज का आह्वान किया कि वह परिवार की जिम्मेदारी ले क्योंकि न केवल
परिवार की स्थिरता के लिए गारंटी की जरूरत है लेकिन स्वस्थ संस्कृति की भी जहाँ स्वाभाविक
परिवार के सौंदर्य को एक साथ रहने की नींव के समान देखा जाता है। इताली धर्माध्यक्षीय
सम्मेलन के अध्यक्ष कार्डिनल बान्यास्को ने जोर दिया कि विवाह पर आधारित परिवार का गहरा
और जीवंत उत्पत्ति की मूल भावना एक और त्रित्वमय ईश्वर में है। स्त्री और पुरूष उत्पत्ति
के इसी चिह्न से अंकित हैं तथा परिवार, सामाजिक जीवन का पहला बुनियादी स्वरूप है।
कार्डिनल
बान्यास्को ने काम के मुद्दे पर विचार व्यक्त करते हुए स्मरण किया कि काम या श्रम में
सफलता और निराशा होती है। मनुष्य का बुलावा है कि काम के लिए गंभीर समर्पण दिखाये, मन
में यह याद रखते हुए कि सीमाएं और लक्ष्य हैं जो मानव की पहुँच के बाहर हैं। सीमित होने
के भाव को खोने के परिणाम स्वरूप बहुधा मनुष्य ने गलत और विनाशकारी पथ को चुना है। हमें
गंभीर खतरों से बचने के लिए सावधान रहने की जरूरत है अन्यथा तुरंत या बाद में अनियंत्रित
उपभोक्तावाद तथा प्रतिद्वंद्विता की स्थिति मनुष्य के ही खिलाफ हो सकती है।