संत पापा ने पूर्वी कलीसियाओं की आध्यात्मिक समृद्धि पर जोर दिया
वाटिकन सिटी 18 मई 2012 (सेदोक, वी आर वर्ल्ड) संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने अमरीका के
15 धर्माध्यक्षों को पंचवर्षीय पारम्परिक मुलाकात की समाप्ति पर 18 मई को सामूहिक रूप
से सम्बोधित किया। ये धर्माध्यक्ष अमरीका में विभिन्न पूर्वी रीति की कलीसियाओं के हैं।
संत पापा ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि- पूर्वी कलीसियाएँ अद्वितीय रूप से अमरीकी
काथलिक समुदाय की जातीय, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक समृद्धि को धारण करती हैं। ऐतिहासिक
रूप से अमरीका में कलीसिया विविधताओं को मान्यता देने और अपनाने के लिए कठिनाईयों के
बावजूद सफल रही है। इसने ख्रीस्त में तथा प्रेरितिक विश्वास में सामुदायिकता की रचना
की है जो इसके कलीसियाई जीवन में परिलक्षित होता है एवं कलीसिया का विशिष्ट चिह्न है।
संत पापा ने स्मरण किया कि देश में कलीसिया के मिशन को पूरा करने के लिए काथलिको
की एकता रूपी उपहार को सुरक्षित रख प्रसार करने के महत्व को धर्माध्यक्षों ने स्वीकार
किया है। प्रवसन संबंधी मामलों से जुड़े मुददों के प्रति धर्माध्यक्षों की प्रतिबद्धता
रही है। यह स्पष्ट रूप से सामाजिक आर्थिक और मानवीय दृष्टिकोण से कठिन और नागरिक तथा
राजनैतिक रूप से जटिल मुददा रहा है। प्रवासियों के प्रति कलीसिया की गहन परवाह रही है
ताकि उनके साथ उपयुक्त व्यवहार किया जाये और उनकी मानवीय गरिमा की रक्षा हो।
संत
पापा ने कहा कि अमरीका की कलीसिया का आह्वान किया जाता है कि वह अमरीका में अनेक प्रवासी
समूहों, न केवल पहले से विद्यमान रीतियों का लेकिन हिस्पैनिक, एशियाई और अफ्रीकी काथलिकों
के विश्वास और संस्कृति से संबंधित समृद्ध विरासत का भी स्वागत कर इन्हें अपनायें तथा
विकसित करें। अमरीकी समाज की संरचना का पुननिर्माण करने तथा कलीसिया के जीवन के नवीनीकरण
के लिए नयी पीढी के काथलिकों की ऊर्जा और जीवंतता का उपयोग किये जाने की जरूरत है।
12
अक्तूबर से आरम्भ होनेवाले विश्वास के वर्ष का स्मरण करते हुए संत पापा ने विश्वास रूपी
अनमोल निधि के लिए कृतज्ञ भावना में कलीसिया के अंदर सम्प्रेषण और सहयोग के विभिन्न चैनलों
को मजबूती प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने धर्मसमाजी और पौरोहितिक बुलाहटों के लिए
प्रार्थना करने एवं सुसमाचार की मुक्तिदायी और पूर्णपरिवर्तनकारी शक्ति का साक्ष्य दिये
जाने की जरूरत पर बल दिया।