इस्लमाबाद, 17 मई, 2012 (एशियान्यूज़) "सामाजिक अन्याय, उपेक्षा, हिंसा और जबरन धर्मांतरण
की समस्या का समाधान शिक्षा और ज्ञान के द्वारा ही संभव हो सकता है।"
उक्त बातें
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जिलानी के सद्भावना संबंधी विशेष सलाहकार पौल भट्टी ने उस
समय कहीं जब उन्होंने इस्लमाबाद में आयोजित विभागीय सेमिनार में सभा को संबोधित किया।
सेमिनार की विषयवस्तु थी "जबरन धर्मांतरण को रोकना"। अल्पसंख्यक मामलों के पूर्व
मंत्री शाहबाज़ भट्टी के भाई पौल भट्टी ने पाकिस्तान में शिक्षा की स्थिति को सुधारने
के लिये दो उपायों का प्रस्ताव किया।
उन्होंने कहा,"शिक्षा के स्तर में सुधार
के लिये कला और धर्म संबंधी विश्वविद्यालय की स्थापना की ज़रूरत है और दूसरा देहातों
में एक ऐसा पोलिटेकनिक कॉलेज खोला जाना चाहिये जिसमें अल्पसंख्यकों के लिये सीट आरक्षित
हो।"
नैशनल हारमॉनी मिनिस्टरी द्वारा प्रायोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए श्री
पौल ने कहा बुद्धिजीवियों, दर्शनशास्त्रियों और सभी धर्मों के कार्यकर्ताओं से अपील की
कि वे राष्ट्र की प्रगति के लिये अपना योगदान दें।
उन्होंने महिलाओं की स्थिति
सुधारने के लिये बनाये गये आयोग और "कौंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी" से भी आग्रह किया
कि वे इस क्षेत्र में अपनी राय-मशवरा दें।
उन्होंने कहा,"लोगों की आर्थिक प्रगति
के लिये सार्वजनिक और प्राइवेट बैंक, लोन उपलब्ध करा सकते हैं पर अंततः शिक्षा और ज्ञान
ही से ही समाज का उचित विकास संभव हो सकता है।"
अंतरधार्मिक वार्ता को बढ़ावा
देने के लिये उन्होंने एक युनिवर्सिटी का प्रस्ताव किया है जिसमें कला और विभिन्न धर्मों
की पढ़ाई संभव हो सके।
पौल भट्टी ने कहा कि ऐसे युनिवर्सिटी में सभी धर्मों की
पढ़ाई होगी जिससे एक-दूसरे के बीच आपसी प्रेम और मर्यादा की भावना को बढ़ावा मिलेगा और
सहिष्णुता और शांति का वातावरण फैलेगा।
पौल भट्टी इस बात का भी जोरदार समर्थन
किया है कि सीनेट, नैशनल असेम्बली और प्रांतीय असेम्बिलयों में अल्पसंख्यकों के सीटों
को आरक्षित कर दिया जाना चाहिये।