2012-05-14 13:58:54

बौद्धिक शक्ति मात्र से ईश्वर तक नहीं पहुँचा सकता


रोम, इटली, 14 मई, 2012(सेदोक, वीआर) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने रविवार 13 मई को इटली के तुसकानी प्रांत के तीन शहरों अरेत्सो, ला वेरना और सान सेपोलकरो का दौरा किया।

ला वेरना वही ऐतिहासिक स्थान है जहाँ पवित्र क्रूस पर चिन्तन करते हुए संत फ्रांसिस असीसी को येसु के ‘पवित्र घाव’ प्राप्त हुए थे।

लावेरना में लोगों को संबोधित करते हुए संत पापा ने कहा, "ला वेरना वही पवित्र स्थल है जहाँ ईशभक्तों ने पिछले आठ शताब्दियों तक घुटने टेक कर मौन प्रार्थना की ताकि उन्हें जीवन की पूर्णता प्राप्त हो।"

उन्होंने कहा, "येसु का महिमामय क्रूस दुनिया के दुःखों का सार तो ही पर यह ठोस रूप से प्रेम का प्रतीक है। यह मानव के लिये ईश्वरीय प्रेम की माप है। इस पावन स्थल में हम अपने जीवन के अलौकिक आयाम को पुनः समझने के लिये बुलाये गये हैं ताकि खुले मन-दिल और आनन्द से विभोर होकर पूर्ण रूपेण ईश्वर पर भरोसा रखते हुए क्रूस पर चिन्तन करें।"

संत पापा ने कहा, "क्रूस पर चिन्तन करना मन का कार्य है पर अगर हम इसमें प्रेम की शक्ति को जगह न दें तो यह असहाय हो जायेगा। हमारी प्रार्थना तब प्रभावपूर्ण होगी जब हम आंतरिक रूप से ईश्वर के प्रेम का पहचानेंगे और उसका उत्तर देंगे।"

संत पापा ने कहा कि विनम्रता सभी गुणों का द्वार है। बौद्धिक शक्ति मात्र से हम ईश्वर तक नहीं पहुँच सकते हैं।

उन्होंने कहा, "हमें चाहिये कि हम इस बात को याद करें कि हमारा जीवन बात और कर्म से इस तथ्य का साक्ष्य दे कि ईश्वर ने मानव से अपार प्रेम किया है।"









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