2012-05-12 17:51:00

संत पापा का कहना शांति और आशा के संदेशवाहक अत्याचार सहते हैं


वाटिकन सिटी 12 मई 2012 (सीएनएस) संत पापा बेनेडिकेट 16 वें ने 11 मई को वाटिकन में पोंटिफिकल मिशन सोसायटीज के अधिकारियों को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि सुसमाचार का प्रसार कर रहे लोग अबतक अत्याचार का सामना करने के लिए विवश होते हैं यद्यपि वे संकट, चिंता और निराशा से भरे विश्व में शांति और आशा का संदेश लाते हैं।

उन्होंने कहा कि समस्याओं और अत्याचार की त्रासदीपूर्ण सच्चाईयों के बावजूद कलीसिया निरूत्साहित नहीं होती और येसु द्वारा दिये गये आदेश के प्रति निष्ठावान रहती है। यह जानते हुए कि सुसमाचार प्रसार के लिए साक्ष्य देने और शहीद होनेवालों की संख्या अपरिहार्य और असंख्य रही है।

संत पापा ने कहा कि सुसमाचार की उदघोषणा करना बहुधा कठिनाई और पीड़ा लाती है, वर्तमान समय में विश्व आर्थिक सांस्कृतिक और राजनैतिक परिवर्तनों का सामना कर रहा है बहुधा लोग अकेलापन, चिंता और निराशा महसूस करते हैं। इस संदर्भ में जो लोग सुसमाचार की उदघोषणा करते हैं यद्यपि वे आशा और शांति के संदेशवाहक हैं तथापि अपने प्रभु और गुरु येसु ख्रीस्त के समान अत्याचार सहते हैं।

संत पापा ने कहा कि चुनौतियों और अत्याचार के खतरों के बावजूद ख्रीस्त का संदेश इस संसार के तर्क के आगे पराजित नहीं होगा क्योंकि यह नबूवती और मुक्ति है, यह नवीन मानवता का बीज है जो बढ़ता है और केवल समय के अंत में ही पूरिपूर्णता प्राप्त करेगा। उन्होंने सुसमाचार प्रसार पर जोर दिया ताकि असंख्य लोग ख्रीस्त की सच्चाई को जानों मुक्ति पायें और न्याय तथा शांति में बढ़ें। ख्रीस्तियों को भी ईशवचन को सुनने की जरूरत है ताकि वे मनपरिवर्तन के लिए पुनः निमंत्रित किये जायें।

संत पापा ने आगामी विश्वास के वर्ष को समर्थन देने के लिए पोंटिफिकल मिशन सोसायटीज तथा लोगों के मध्य सुसमाचार प्रसार से संबंधित परमधर्मपीठीय धर्मसंघ द्वारा वर्ल्ड मिशन रोजरी को बढावा देनेवाले पहल की सराहना करते हुए इसे प्रोत्साहन दिया। सन 1951 में महाधर्माध्यक्ष फुलटन शीन द्वारा रचित रोजरीमाला के दाने पीले, लाल, सफेद, नीले और हरे रंग के होते हैं इनके द्वारा विश्वासियों को विश्व के विभिन्न मिशन क्षेत्रों तथा सुसमाचार प्रसार के पाँच क्षेत्र अंतरधार्मिक संवाद, पूजनधर्मविधि, सह्दयता, सुसमाचार की साक्षी और उदघोषणा के लिए प्रार्थना करने हेतु विश्वासियों को सहायता मिलती है।

संत पापा ने कहा उनकी आशा है कि इस योजना से सम्पूर्ण विश्व में सुसमाचार प्रचार के प्रयासों को तथा मसीहियों को अपने विश्वास को गहन बनाने के लिए सहायता मिलेगी।








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