2012-05-11 12:55:06

मध्यप्रदेश सरकार संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा पुरस्कृत


भोपाल, 11 मई, 2012 (कैथन्यूज़) संयुक्त राष्ट्र ने मध्यप्रदेश सरकार के लोकसेवा गारंटी अधिनियम को ‘इम्परुविंग द डिलीवरी आफ पब्लिक सर्विसेज’ श्रेणी में दूसरा पुरस्कार प्रदान किया है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि इस श्रेणी में 73 देशों के 471 आवेदनों में से मध्य प्रदेश को चुना गया।
उन्होंने बताया कि म.प्र को यह पुरस्कार जून में आयोजित सम्मान समारोह में प्रदान किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2012 इस संदर्भ में भी महत्वपूर्ण है कि ये संयुक्त राष्ट्र लोकसेवा दिवस और पुरस्कारों की दसवी वर्षगांठ है।
संयुक्त राष्ट्र संघ ने 23 जून को संयुक्त राष्ट्र लोकसेवा दिवस घोषित किया है। इसका उद्देश्य स्थानीय राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लोकसेवा में मूल्यों और गुणात्मकता को प्रोत्साहित करना है।
चौहान ने बताया कि मध्य प्रदेश पहला राज्य है जिसने सिटीजन चार्टर को कानून बनाने का काम किया और लोकसेवा गारंटी अधिनियम के तहत 52 विभागों को शामिल किया गया है।
उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के तहत एक निर्धारित समय सीमा में सेवाएं उपलब्ध कराना होता है, तथा ऐसा नहीं किए जाने पर संबंधित कर्मचारी-अधिकारी से जुर्माना हर्जाना लेकर संबंधित व्यक्ति को उपलब्ध कराया जाता है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत म.प्र. में एक करोड़ 11 लाख आवेदन प्राप्त हुए थे जिसमें से एक करोड़ दस लाख आवेदनों का निराकरण कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि इनमें से 16 लाख आवेदन आनलाइन प्राप्त हुए थे। उन्होंने बताया कि म.प्र. सरकार ने एक अभिनव पहल करते हुए विकासखंड मुख्यालय पर निजी क्षेत्र में सेवा केंद्र शुरू करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने बताया कि लोग अब इन केंद्रों पर अपने आवेदन आन लाइन भेज सकेंगे तथा उनके आवेदनों को संबंधित विभागों के पास भेज दिया जाएगा तथा इसकी मानिटरिंग मंत्रालय स्तर पर भी की जा सकेगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि समय सीमा में सेवाएं उपलब्ध नहीं कराए जाने पर 49 अधिकारियों के वेतन से जुर्माने की राशि काटकर 113 व्यक्तियों को उपलब्ध कराई जा चुकी है।

















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