2012-05-09 12:35:37

बुधवारीय-आमदर्शन समारोह में
संत पापा की धर्मशिक्षा
9 मई, 2012


वाटिकन सिटी, 9 मई, 2012 (सेदोक, वी.आर) बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया।
उन्होंने अंग्रेजी भाषा में कहा - मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, आज की धर्मशिक्षामाला में हम ख्रीस्तीय प्रार्थना विषय पर अपना चिन्तन जारी रखते हुए हम येरूसालेम के अदालत में पेश होने के पूर्व ही जेल से संत पेत्रुस की चमत्कारिक रिहाई के बारे में विचार करें।
संत लूकस हमें बतलाते हैं कि आरंभिक कलीसिया ने ईश्वर से पेत्रुस की रिहाई के लिये प्रार्थना चढ़ायी थी (प्रेरित चरित 12, 5) इस घटना के अनुसार एक दूत ने पेत्रुस को रहस्यात्मक रूप से बंदीगृह से बाहर कर दिया था। पेत्रुस की रिहाई मिश्र से इस्राएलियों की मुक्ति और येसु के पुनरुत्थान की महिमा की याद दिलाता है।
घटना में यह बतलाया गया है कि पेत्रुस सो रहे थे जो ईश्वर के प्रति उसके समर्पण और ख्रीस्तीय समुदाय के प्रति अपार भरोसा का चिह्न है। ईश्वर द्वारा ख्रीस्तीय समुदाय की प्रार्थना सुन लेना पेत्रुस और पूरे ख्रीस्तीय समुदाय के लिये अपार खुशी का संदेश था।
अपनी रिहाई के बाद संत पेत्रुस ख्रीस्तीय समुदाय में पुनः सम्मिलित हो गये और उन्होंने पुनर्जीवित येसु की मुक्तिदायी शक्ति का साक्ष्य दिया।
पेत्रुस की रिहाई हमें इस बात की याद दिलाता है कि परीक्षा की घड़ी में हमें धैर्यवान बने रहने और अपने ख्रीस्तीय समुदाय की सहायता से हम अपने विश्वास में सुदृढ़ होते हैं।
संत पेत्रुस के उत्तराधिकारी रूप में मैं आप सबों को आपकी प्रार्थना और सहायता के लिये आपको धन्यवाद देता हूँ और प्रार्थना करता हूँ ईश्वर हमें प्रार्थनाओं द्वारा एकता के एकसूत्र में बाँधे रखे और हम एक दूसरे के करीब आयें और सबों को ईश्वर के करीब ला सकें।
इतना कहकर संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षा समाप्त की। उन्होंने न्याय और शांति के लिये बनी समिति द्वारा ‘ह्रूमन ट्रफिकिंग’ या ‘मानव तस्करी’ की समस्या का समाधान करने के लिये बुलाये गये सभा में भाग ले रहे प्रतिनिधियों और इटली अमेरिकी चैम्बर ऑफ कॉमर्स के सदस्यों का आभिवादन किया।


इसके बाद उन्होंने भारत, इंगलैंड, स्वीडेन, डेनमार्क, स्कॉटलैड, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, और अमेरिका के तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों एवं उनके परिवार के सभी सदस्यों पर पुनर्जीवित प्रभु की कृपा तथा शांति की कामना करते हुए सबों को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।








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