कार्डिनल टर्कसन का कहना मानव व्यापार दासता के समान
वाटिकन 9 मई 2012 (सेदोक, सीएनए) न्याय और शांति संबंधी परमधर्मपीठीय समिति की अध्यक्षता
में 8 मई को मानव व्यापार पर वाटिकन में एक सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसका उददेश्य
मानव व्यापार की रोकथाम करना, पीडितों को मेषपालीय सेवा उपलब्ध कराना एवं समाज में उनकी
पुर्नस्थापना करने पर केन्द्रित था। न्याय और शांति संबंधी परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष
कार्डिनल पीटर टर्कसन ने कहा कि मानव तस्करी के कारण अनेक लोग दासता जैसी परिस्थिति में
जीवन यापन करते हैं। यह खराब व्यवसाय अपराधियों के द्वारा संचालित किया जाता है जो लोगों
की तस्करी और शोषण के द्वारा अपनी जेब भरते हैं। कार्डिनल टर्कसन ने कहा कि मानव
तस्करी को रोकने के लिए राष्ट्रीय कानून की जरूरत है तथापि व्यापक समाधान चाहिए अर्थात
सबसे ऊपर मन और दिल का परिवर्तन। उन्होंने कहा कि गरीबी दूर करने का प्रयास समग्र समाधान
का अंग है क्योंकि जो समाज अत्यंत जरूरत परिस्थिति में जीवन यापन कर रहा है वह मानव तस्करों
को उनके शिकार खोजने और पाने के लिए अवसर देता है। धर्माध्यक्ष लिंच ने कहा कि मानव
तस्करी की समस्या के खिलाफ विश्व भर में महिला धर्मसमाजियों ने अगुवाई की है। हम कार्डिनल
टर्कसन के आभारी हैं जिन्होंने स सम्मेलन का आयोजन कर कलीसिया के प्रतिनिधियों तथा कानून
लागू करनेवाले विभिन्न विभागों और एजेंसियों, गैर सरकारी संस्थानों, धर्मसमाजों तथा विश्व
भर के विभिन्न देशों के राजदूतावासों के अधिकारियों को एक साथ आने का अवसर दिया है। उनकी
आशा है कि मानव तस्करी की त्रासदी खिलाफ विश्व भर के 1.1 अरब काथलिक विश्वासियों में
और अधिक जागरूकता उत्पन्न करेगा तथा विभिन्न कलीसियाई समूहों, सरकारी और नागरिक समूहों
को मानव तस्करी को रोकने के लिए सहायता करेगा एवं मानव व्यापार के शिकार हुए लोगों की
मदद के लिए चलाई जानेवाली योजनाओं तथा सहायता देनेवाले काम सम्पन्न करनवालों को समर्थन
मिलेगा।