2012-05-04 18:53:12

प्रेस की स्वतंत्रता का विश्व दिवस


3 मई 2012 (वी आर अंग्रेजी) 3 मई को प्रेस की स्वतंत्रता का विश्व दिवस मनाया गया। प्रेस की स्वतंत्रता के लिए समर्पित दिवस का संदेश है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हमारे सबसे बहुमूल्य अधिकारों में से एक है। यह अन्य अधिकारों और बुनियादी मानवीय मर्यादा की नींव है। इसके अस्तित्व के लिए स्वतंत्र मीडिया का होना अपरिहार्य है।

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में विचारों को पाने, व्यक्त करने तथा सूचनाओं और विचारों को मीडिया के द्वारा प्रसार करने का अधिकार मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा की धारा 19 में वर्णित है। यह स्वतंत्रता स्वस्थ और गतिशील समाज के लिए जरूरी है। अरब जगत में आये परिवर्तनों ने दिखाया है कि अपने अधिकारों के लिए खड़े होने तथा इसके लिए सम्प्रेषण के उपलब्ध माध्यमों का उपयोग करें वे चाहे पारम्परिक या नये हों। सूचनाओं की स्वतंत्रता समाज में परिवर्तन लाकर इसे अधिक पारदर्शी और जिम्मेदार समाज बनाने का अवसर देती है एवं सम्प्रेषण और ज्ञान की शेयरिंग करने के लिए नये क्षितिज खोलती है। जन संचार क्रांति और सूचनाओं की भरमार के दौर में युवाओं को यह संदेश दिया जाना है कि वे आलोचनात्मक चिंतन और सहभागितावाली संस्कृति का विकास करें।

विश्व भर में मीडिया की स्वतंत्रता की रक्षा हर प्रकार के दबावों के सामने की जानी चाहिए। पिछले साल यूनेस्को ने 62 पत्रकारों की हत्या की निन्दा की जिन्होंने अपने कर्तव्य को पूरा करते हुए अपने प्राण खो दिये। उनके बलिदान को भूला नहीं जाना चाहिए। आन लाइन जर्नलिज्म के आगमन के साथ ही पत्रकारों और ब्लागर्स को निरंतर लक्ष्य बनाया जा रहा है। उन्हें भी सुरक्षा उपलब्ध करायी जानी चाहिए जो पारम्परिक मीडिया में कार्यरत कर्मियों को मिलती है।









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