बुधवारीय-आमदर्शन समारोह में संत पापा की धर्मशिक्षा 2 मई , 2012
वाटिकन सिटी, 2 मई, 2012(सेदोक, वी.आर) बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा
बेनेदिक्त सोलहवें ने वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में एकत्रित हज़ारों
तीर्थयात्रियों को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया। उन्होंने अंग्रेजी भाषा में
कहा - मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, आज की धर्मशिक्षामाला में हम ख्रीस्तीय प्रार्थना
विषय पर अपना चिन्तन जारी रखते हुए काथलिक कलीसिया के प्रथम शहीद संत स्तीफन के भाषण
पर चिन्तन करें जिसे उन्होंने अपनी मृत्यु के पूर्व दिया था। संत स्तीफन के शब्द
येसु मसीह के जीवन को ईश्वरीय आलोक में समझने के लिये हमें आमंत्रित करते हैं। जब
स्तीफन पर इस बात का आरोप लगाया गया कि उन्होंने येसु के बारे में यह कहा कि येसु मंदिर
को ढह देंगे और मूसा तथा नबियों के नियमों समाप्त देंगे तब स्तीफन ने कहा येसु को नबियों
ने ईशभक्त बतलाया था जिसके द्वारा ईश्वर ने अनोखे, पर स्पष्ट रूप से दुनिया में अपनी
उपस्थिति को प्रकट किया। ईशपुत्र रूप में येसु स्वयं ही ईश्वर के मंदिर है। उन्होंने
हमारे पापों के लिये मृत्यु स्वीकार की और जी उठकर उन्होंने उस सम्मान को प्राप्त किया
जिसके द्वारा ईश्वर को सच्चा बलिदान अर्पित किया जाता है। स्तीफन की प्रार्थना और
उसके साक्ष्य के कारण उन्हें येसु के लिये शहीद होने का गौरव प्राप्त हुआ। उनके उदाहरण
और मध्यस्थता द्वारा हम इस बात की प्रेरणा पायें कि हम रोज अपनी येसु के जीवन और ईशवचन
के चिन्तन द्वारा प्रभु में एक हो जायें। ऐसा करके हम ईश्वर की योजना को और अच्छी
तरह से समझ पायेंगे और येसु मसीह को अपने जीवन का प्रभु स्वीकार कर पायेंगे। इतना
कहकर संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षा समाप्त की। उन्होंने इंडोनेशिया की गायक दल को धन्यवाद
दिया नोर्वे के क्रिश्चियन कौंसिल के सदस्यों तथा स्वीडेन के अन्तरकलीसियाई दल के सदस्यों
का अभिवादन किया।
इसके बाद भारत, इंगलैंड, आयरलैंड, नोर्वे, स्वीडेन, नाइजीरिया,
इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, कनाडा और अमेरिका के तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों एवं
उनके परिवार के सभी सदस्यों पर पुनर्जीवित प्रभु की कृपा तथा शांति की कामना करते हुए
सबों को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।