कोचीः केरल के धर्माध्यक्षों ने की नर्सों के लिये उचित पारिश्रमिक की मांग
कोची, 01 मई सन् 2012 (ऊका): केरल के काथलिक धर्माध्यक्षों ने ग़ैरसरकारी अस्पतालों में
सेवारत नर्सों के लिये उचित वेतन की मांग की है।
केरल काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन
के श्रम आयोग ने पहली मई को मनाये जानेवाले श्रमिक दिवस के उपलक्ष्य में एक सन्देश जारी
कर ग़ैरसरकारी अस्पतालों में कार्यरत नर्सों को समर्थन दिया है। धर्माध्यक्षीय श्रम आयोग
के अध्यक्ष मननथावाड़ी के धर्माध्यक्ष जोस पोरुनेडम ने केरल में स्वास्थ्य देखभाल एवं
अस्पताल नियमन हेतु एक अधिकार तंत्र के प्रतिस्थापन का आह्वान किया।
कलीसिया
द्वारा संचालित संस्थाओं में पर्याप्त वेतन न दिये जाने के आरोप के सन्दर्भ में सन्देश
में कहा गया, "काथलिक संस्थाओं में सेवारत लोगों के साथ अन्याय का कोई औचित्य नहीं।"
धर्माध्यक्ष
महोदय ने कहा, "निजी अस्पतालों एवं चिकित्सा केन्द्रों में कार्यरत नर्सों एवं चिकित्सकों
का वेतन दयनीय है।" उन्होंने कहा, "प्रायः नर्सों को उनके द्वारा अध्ययन पर खर्च किये
गये धन के अनुपात में वेतन नहीं दिया जाता है जो सरासर अन्यापूर्ण है।"
धर्माध्यक्ष
पोरुनेडम ने डॉक्टरों को भी फटकार बताई जो करों का भुगतान न करने के लिये अपना सही वेतन
नहीं लिखवाना चाहते हैं तथा ग़लत हिसाब देन हेतु अस्पताल मैनेजमेन्ट को बाध्य करते हैं।
विगत कुछ माहों से केरल के कई अस्पतालों की नर्सों द्वारा जारी हड़ताल की पृष्टभूमि
में केरल काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के श्रम आयोग ने उक्त सन्देश जारी किया।
असंघटित
क्षेत्रों में कार्यरत युवतियों, शिक्षिकाओं, अपंजीकृत श्रमिकों, नौकरानियों आदि की व्यथा
पर भी धर्माध्यक्ष ने ध्यान आकर्षित कराया और कहा कि इन लोगों को न्यूनतम वेतन दिलवाने
के लिये न तो सरकार और न ही श्रम संगठन कुछ कर रहे हैं।