जीवन रक्षा कार्यकर्त्ताओं ने बीबीसी के कार्यक्रम का विरोध किया
लंदन, 30 अप्रैल, 2012 (सीएनए) ‘प्रो-लाईफ’ कार्यकर्त्ताओं ने बीबीसी के उस निर्णय का
आलोचना की है जिसमें ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कम्पनी ने गर्भपात क्लिनिक से सीधा प्रसारण
करने की योजना बनायी है।
जीवन रक्षा के लिये कार्य करने वाले दल की जोसफिन क्विन्ताभाले
ने कहा, " उन्हें भय है कि जनता के प्रयोजन से चलनेवाली बीबीसी रेडियो 5 द्वारा गर्भपात
क्लिनिक के क्रियाकलापों के सीधा प्रसारण परोक्ष रूप से गर्भपात को बढ़ावा मिलेगा।"
क्विन्ताभाले
ने कहा, "यह एक ऐसा कदम है जो बीबीसी की तटस्थता सिद्धांत के खिलाफ़ है।"
विदित
हो कि बीबीसी ने इस बात की घोषणा की है कि अगले माह वह उन लोगों के साक्षात्कारों का
सीधा प्रसारण करेगी जिन्होंने गर्भपात कराया है तथा क्लिनिक के उन कार्यकर्ताओं का जिन्होंने
इसमें अपना योगदान दिया है।
बीबीसी के रेडियोकर्मी विक्टोरिया देरबीशायर का कहना
है कि इस कार्यक्रम से बीबीसी श्रोताओं को उन बात की जानकारी प्राप्त होगी जो ब्रिटिश
समाज में अब तक प्रतिबंधित है।
उन्होंने बतलाया कि इस संबंध में एक गर्भपात क्लिनिक
को संपर्क किया जा चुका हैं और क्लिनिक ने अपनी सहमति दे दी है। उन्होंने आशा जतायी है
कि श्रोतागण इस कार्यक्रम को पूरे विश्वास के साथ सुन पायेंगे।
क्विन्ताभाले
‘सीएनए’ से बातचीत करते हुए इस बात की आशंका जतायी है कि बीबीसी शायद ही अपने संतुलित
प्रसारण के वादे को पूर्ण करेगी।
उन्होंने कहा, " जो भी हो, जिस भी व्यक्ति के
साक्षात्कार का प्रसारण हो अजात शिशु की आवाज़ और गर्भपात के शिकार असहाय बच्चों की आवाज़
तो नहीं ही सुनी जा सकेगी।"
ज्ञात हो कि गर्भपात को इंगलैंड वेल्स और स्कॉटलैंड
में सन् 1967 से ही कानूनी मान्यता प्राप्त हो। उस समय से आज तक करीब सात लाख शिशुओं
ने अपने जान गंवाये हैं। उत्तरी आयरलैंड में गर्भपात अब भी प्रतिबंधित है।
कानून
के अनुसार 24 सप्ताह तक के अजात शिशुओं का गर्भपात किया जा सकता है। और विंकलांग होने
की अवस्था में जन्म के पूर्व भी गर्भपात की अनुमति है।
हाल के दिनों में इंगलैंड
के डॉक्टरों पर ये आरोप लगाये गये हैं कि उन्होंने बच्चों के लिंग के आधार पर भी गर्भपात
किया है।
‘प्रो-लाइफ़’ आंदोलन के कार्यकर्त्ता जोसफिन क्विन्ताभाले ने कहा कि
उन्हें उम्मीद है कि जनता के समर्थन से इस प्रकार के प्रयासों को रोका जा सकेगा।