वाटिकन सिटीः बुलाहटों के लिये प्रार्थना दिवस 29 अप्रैल को
वाटिकन सिटी, 28 अप्रैल सन् 2012 (सेदोक): काथलिक कलीसिया, रविवार 29 अप्रैल को "बुलाहटों
के लिये विश्व प्रार्थना दिवस" मना रही है जिसका शीर्षक हैः "बुलाहटें: ईश प्रेम का वरदान"।
बुलाहटों के लिये 49 वें विश्व प्रार्थना दिवस के लिये सन्त पापा बेनेडिक्ट 16
वें ने एक विशिष्ट सन्देश जारी किया है जिसमें उन्होंने इस तथ्य की पुष्टि की है कि हर
वरदान का स्रोत प्रेमी पिता ईश्वर हैं। सन्त पापा लिखते हैं: "प्रत्येक पूर्ण वरदान का
स्रोत ईश्वर हैं जो स्वयं प्रेम हैं, यह एक मूल बन्धन है जो ईश्वर एवं मानव के बीच आदि
काल से बना हुआ है।"
सन्त पौल को उद्धृत कर सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें लिखते
हैं: "सृष्टि की नींव रखने से पहले ईश्वर ने हमें चुना ताकि हम पवित्र हो सकें तथा उनके
प्रेम के योग्य बन सकें।"
सन्त पापा ने स्मरण दिलाया कि केवल अपने असीम प्रेम
के कारण ईश्वर ने कुछ नहीं से हमारी सृष्टि की ताकि हम ईश्वर के साथ पूर्ण सहभागिता में
शामिल हो सकें।"
सन्त पापा ने कहा, "प्रत्येक प्राणी तथा विशेष रूप से प्रत्येक
मानव प्राणी ईश्वर के विचार का फल है तथा उनके प्रेम की कृति है, ऐसे प्रेम की जो अपरिमित
है, जिसकी सीमा नहीं, जो सत्यवान एवं अनन्त है।"
उन्होंने लिखा, प्रिय भाइयो एवं
बहनो, "ईश्वर के असीम के प्रति हमें अपनी आँखें खोलने की ज़रूरत है। प्रभु येसु हमारा
आह्वान करते हैं कि हम उसी तरह पूर्ण बने जैसे हमारे स्वर्गिक पिता पूर्ण हैं।" उन्होंने
कहा, "पूर्ण समर्पण तथा ईश प्रेम के प्रति उदारता की उर्वरक भूमि में ही बुलाहटें उत्पन्न
होतीं, विकसित होतीं तथा ईश प्रेम का फल बनतीं हैं।"