2012-04-27 16:51:23

चीन को भले धर्माध्यक्षों और प्रशिक्षित लोकधर्मियों की जरूरत


वाटिकन सिटी 27 अप्रैल 2012 (वीआर वर्ल्ड, जेनिथ) चीन में कलीसिया के लिए गठित आयोग की 5 वीं वार्षिक बैठक वाटिकन में 23 से 25 अप्रैल तक सम्पन्न हुई। इस आयोग द्वारा 26 अप्रैल को जारी वक्तव्य में कहा गया कि चीन को प्रशिक्षित काथलिक लोकधर्मियों को जरूरत है जो व्यापक समाज के लिए अपना योगदान दें। यहाँ कलीसिया को पुरोहितों और धर्मसमाजियों की जरूरत है जो प्रकाशमय सुसमाचारी साक्ष्य दें। इसे भले धर्माध्यक्षों की जरूरत है लेकिन काथलिक विश्वास और अनुशासन संबंधी मूल बातों और अपरिहार्य तत्वों को छोड़कर चीन में सुसमाचार प्रचार के लक्ष्य को नहीं पाया जा सकता है।
संत पापा बेनिक्ट 16 वें ने चीन में कलीसियाई जीवन के प्रति अपनी विशेष परवाह के कारण सन 2007 में चीन की कलीसिया पर अध्ययन के लिए एक आयोग का गठन किया था। इस आयोग ने पिछले साल पुरोहितों और धर्मसमाजियों के प्रशिक्षण पर ध्यान केन्द्रित किया। इस साल अक्तूबर माह में आरम्भ होनेवाले विश्वास के वर्ष को ध्यान में रखते हुए आयोग ने लोकधर्मियों के प्रशिक्षण से जुडें सवाल पर चिंतन किया। इसके साथ ही देश में काथलिक समुदाय के सामने प्रस्तुत अनेक कठिन मुद्दों जैसे अस्तित्व संबंधी दावे, अवैध धर्माध्यक्षीय अभिषेक समारोहों से जुड़े सवाल, कुछ पुरोहितों और धर्माध्यक्षों की गिरफ्तारी तथा मेषपालीय मिशन का अभ्यास करने पर लगायी गयी सीमाएँ पर भी विचार विमर्श किया गया।
आयोग ने अपने वक्तव्य में विश्वास की शक्ति तथा संत पापा के प्रति अपनी निष्ठा के कारण बंदी बनाये गये विश्वासियों के प्रति सराहना व्यक्त करते हुए कहा कि कलीसिया को भले धर्माध्यक्षों की जरूरत है। परिस्थितियों से उत्पन्न चुनौतियाँ सब विश्वासियों से ईश्वर से प्रार्थना करने तथा प्रत्येक विश्वासी में सुसमाचार का साक्ष्य देने की जागरूकता को मजबूत करने का आह्वान करती हैं जो आज के युवाओं को पूरे दिल से येसु का अनुसरण करने के लिए उत्साह प्रदान करने में सक्षम हो।
चीन में काथलिक कलीसिया के लिए गठित आयोग ने स्मरण कराया है कि 24 मई को " धन्य कुँवारी मरिया- ईसाईयों की सहायता " के पूजनधर्मविधि समारोही स्मरण दिवस तथा चीन में कलीसिया के लिए प्रार्थना दिवस पर सम्पूर्ण कलीसिया के लिए विशिष्ट अवसर होगा कि वह चीन के काथलिक समुदाय के लिए शक्ति और सांत्वना तथा दया और साहस के लिए प्रार्थना करे।








All the contents on this site are copyrighted ©.