सन्त क्लीटस रोमी काथलिक कलीसिया के तीसरे सन्त
पापा थे। सन्त लीनुस के बाद वे परमाध्यक्षीय पद पर आसीन हुए थे। पश्चिम में वे सन्त पेत्रुस
के प्रथम शिष्यों में से एक थे। सन् 76 ई. से सन् 88 ई. यानि 12 वर्षों तक वे कलीसिया
के परमाध्यक्ष पद पर बने रहे थे। रोमी मिस्सा संहिता में उन्हें शहीद कहा गया है। उन्हें
सन्त लीनुस की समाधि के पास ही वाटिकन स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर में दफनाया गया
था। उनके अवशेष अभी भी यहीं सुरक्षित हैं।
सन्त पापा जॉन 23 वें ने 25 जुलाई
सन् 1960 ई. को स्वप्रेरणा से रचित "मोतु प्रोप्रियो", रूब्रीकारुम इन्सट्रुकटुम नामक
आज्ञप्ति जारी कर 26 अप्रैल को सन्त क्लीटस का पर्व निर्धारित किया था। कहीं-कहीं कलीटस
का नाम एनाक्लीटस लिखा जाता है किन्तु परमधर्मपीठीय वार्षिकी के अनुसार सार्वभौमिक काथलिक
कलीसिया के तीसरे सन्त पापा का नाम क्लीटस ही है। सन्त क्लीटस का पर्व 26 अप्रैल को मनाया
जाता है।
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