2012-04-25 12:41:03

तमिल नाडः कलीसिया के पीछे हठने पर परमाणु विरोधी प्रदर्शनकारियों ने जताया रोष


तमिल नाड, 25 अप्रैल सन् 2012 (ऊका समाचार): तमिल नाड के कूडनकूलम में परमाणु ऊर्जा संयंत्र के विरोध में प्रदर्शन करनेवाले ग्राणीण लोगों ने कलीसिया पर उनके साथ छल का आरोप लगाया है।

प्रदर्शनकारियों के प्रवक्ता पीटर मिल्टन ने ऊका समाचार से कहा, "कलीसिया ने पहले हमें अभियान के लिये प्रोत्साहित किया किन्तु अब वह पीछे हट रही है क्योंकि कुछेक कलीसियाई नेता सरकार से डर रहे हैं तथा अपने आप का बचाव करना चाहते हैं।"

स्थानीय काथलिक कलीसिया और विशेष रूप से तूतीकोरिन धर्मप्रान्त ने पहले परमाणु ऊर्जा संयंत्र के खिलाफ जन आंदोलन के विरोध को समर्थन दिया था।

विगत कई माहों से संयंत्र का विरोध करने हेतु तमिल नाड के लगभग 20 गाँव के हज़ारों लोग इदिंथीकराय में डेरा डाले हुए हैं।

हालांकि, मंगलवार को तूतीकोरिन धर्मप्रान्त के प्रवक्ता फादर विलियम संथानम ने कहा कि कलीसिया चाहती है कि प्रदर्शनकारी अधिक बुद्धिमानी से काम लें, विशेष कर, इसलिये कि राज्य सरकार ने उक्त मुद्दे पर अपने रुख को बदल दिया है।

तमिलनाडु सरकार ने शुरू में रूसी प्रौद्योगिकी से बनाये जा रहे कूडनकूलम परियोजना का विरोध किया था। हालांकि, विगत माह राज्य सरकार ने कहा कि राज्य की गंभीर ऊर्जा संकट से निपटने के लिए उक्त परियोजना को अनुमति दी जा रही थी।

फादर संथानम ने कहा, "हम सरकार के खिलाफ नहीं जा सकते हैं इसलिये उम्मीद करते हैं कि परमाणु विरोधी आंदोलन को सावधानी से आगे बढ़ाया जायेगा।"

कलीसिया के विरोधियों का कहना है कि संघीय एजेन्सियों द्वारा दो धर्मप्रान्तों के बैंक आकाऊन्ट बन्द कर दिये जाने के बाद कलीसिया ने कथित तौर पर अपना रुख बदल दिया। संघीय एजेन्सियों ने विदेशों से मिलनेवाले अनुदान के दुरुपयोग का धर्मप्रान्तों पर आरोप लगाया था।

मिल्टन ने आरोप लगाया कि धर्मप्रान्त अब अपनी नकदी की रक्षा करना चाहता है, किन्तु "लोगों के बिना क्या कलीसिया का अस्तित्व है? यदि लोग न होंगे तो वे धन का क्या करेंगे?









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