2012-04-20 12:00:53

मुम्बईः भारतीय कलीसिया ने मनाई बेनेडिक्ट 16 वें की नियुक्ति की सातवीं वर्षगाँठ


मुम्बई, 20 अप्रैल सन् 2012 (एशियान्यूज़): सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें की नियुक्ति की सातवीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में, 19 अप्राल को, भारत के काथलिक गिरजाघरों एवं मठों में विशेष प्रार्थनाएँ अर्पित की गई।

नई दिल्ली में परमधर्मपीठ के राजदूत महाधर्माध्यक्ष साल्वातोर पेनाखियो के साथ भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष तथा मुम्बई के काथलिक धर्माधिपति कार्डिनल ऑज़वल्ड ग्रेशियस ने सम्पूर्ण भारतीय कलीसिया की ओर से ख्रीस्तयाग अर्पित कर सन्त पापा के लिये प्रार्थनाएँ अर्पित कीं।

एशिया समाचार से बातचीत में कार्डिनल ग्रेशियस ने कहा, "भारतीय कलीसिया सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें के प्रति आभार प्रकट करती तथा उनके सात वर्षीय परमाध्यक्षीय काल के लिये प्रभु ईश्वर को धन्यवाद देती है।" 16 अप्रैल को मनाये गये सन्त पापा के 85 वें जन्मदिवस के लिये भी कार्डिनल महोदय ने हार्दिक बधाईयाँ अर्पित कीं।

कार्डिनल ग्रेशियस ने कहा कि सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें सचमुच में ख्रीस्त के प्रतिनिधि हैं जिन्होंने ख्रीस्तीय परम्पराओं को जारी रखते हुए इन सात वर्षों में कई रचनात्मक परिवर्तन किये हैं। उन्होंने कहा कि बेनेडिक्ट 16 वें ने धन्य सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय द्वारा आरम्भ पहलों को जारी रखा जिनमें काथलिक परिवार सम्मेलन, विश्व युवा दिवस तथा प्रेरितिक यात्राएँ शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा नवीन सुसमाचार उदघोषणा पहलों पर दिये बल के परिणामस्वरूप भारत सार्वभौमिक कलीसिया के और अधिक निकट आया है तथा भारतीय मिशनरी अब विश्व के 166 देशों में सेवारत हैं।

इसके अतिरिक्त, कार्डिनल ग्रेशियस ने कहा कि सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा घोषित विश्वास को समर्पित वर्ष तथा धार्मिक स्वतंत्रता विषयक 44 वें विश्व शांति दिवस पर प्रकाशित सन्देश ने भारत के काथलिक धर्मानुयायियों को उनके सेवाकार्यों के लिये एक नया वेग प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि भारत की कलीसिया इन सात वर्षों में एक ज़रूरतमन्द कलीसिया से एक मिशनरी कलीसिया में परिणित हो गई है तथा साहसपूर्वक शिक्षा, स्वास्थ्य एवं कल्याणकारी कार्यों द्वारा निःस्वार्थ ढंग से भारत के ज़रूरतमन्दों की सेवा कर रही है।








All the contents on this site are copyrighted ©.