जालंधर, 19अप्रैल, 2012(कैथन्यूज़, नवभारत टाइम्स) पंजाब के जालंधर में रविवार रात जमींदोज
हुई फैक्ट्री की बिल्डिंग के मलबे से सेना ने 73 घंटे के बाद एक युवक को ज़िदा बाहर निकाला
है जिसका नाम है नीतेश।
इस हादसे में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन
चार की पुष्टि नहीं हो सकी है।
बिहार के गोपालगंज से रोजी-रोटी की तलाश में जालंधर
गया नीतेश तीन साल से कंबल के कारखाने में काम कर रहा था।
घटना के बार में बतलाते
हुए 18 वर्षीय नीतेश ने कहा, अचानक इमारत गिरी। हमें कुछ भी पता नहीं चला। कच्चा कंबल
तैयार होने के बाद हमने उसे एक पर एक सहेज कर रखा था। इसी बीच बीम गिरा और कंबलों के
ढेर पर अटक कर रह गया। मैं उसी के नीचे था।
उसने कहा, मैं आवाज़ लगाता रहा। मेरी
सुनने वाला कोई नहीं था। मेरे साथ फंसे लोगों ने एक बार 'जय श्री राम' का जयकार लगाया।
उसके बाद सब कुछ शांत और अंधेरा छा गया। धीरे-धीरे सबकी आवाज बंद हो गई। हमने उम्मीद
छोड़ दी थी। कल देर शाम किसी शव को निकालने की कोशिश में लोग आए तो मैंने आवाज़ दी। फिर
सात घंटे के बाद उन्होंने मुझे निकाल लिया।
18 साल के नीतेश से पहले उसी के गांव
के संजीव को 50 घंटे के बाद बुधवार तड़के मलबे से निकाला गया था।
जिलाधिकारी
प्रियंका भारती ने बताया कि अभी तक दस शव को निकाल लिया गया है। मलबे में फंसे चार और
शव दिखाई दे रहे हैं, उन्हें अभी तक निकाला नहीं गया है। जब तक उन्हें निकाला नहीं जाता,
तब तक उनके मरने की पुष्टि नहीं हो सकती है। इसमें अब तक 62 को जिंदा बचा लिया गया है।
एनडीआरएफ के सहायक कमांडेंट मुसाफिर ने बताया नीतेश के जीवित निकलने के बाद हमने
बुलडोजर का काम रुकवा दिया है। मलबे में दबे लोगों के जिंदा होने की संभावना है। उनका
पता लगाया जा रहा है।