बुधवारीय-आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा का संदेश 18 अप्रैल, 2012
वाटिकन सिटी, 18 अप्रैल, 2012(सेदोक, वी.आर) बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत
पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में एकत्रित
हज़ारों तीर्थयात्रियों को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया। उन्होंने अंग्रेजी
भाषा में कहा - मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, प्रार्थना विषय पर धर्मशिक्षामाला को
जारी रखते हुए हम आज माता मरिया और प्रेरितों की प्रार्थना पर अपना ध्यान केन्द्रित करें।
आज हम उस प्रार्थना पर चिन्तन करेंगे जिसे पवित्र धर्म ग्रंथ बाइबल के प्रेरित चरित के
चौथे अध्याय में पाते हैं। इसे छोटा पेन्तेकोस्त भी कहा जाता है। यह वही समय था जब
प्रेरित एक स्थान पर एकत्र थे और पवित्र आत्मा के उतरने का इन्तज़ार कर रहे थे। पीटर
और जोन के गिरफ़्तार होने और रिहा होने के बाद प्रेरितों का दल प्रार्थना करने में जुट
गया था। प्रेरित चरित के चौथे अध्याय के 31वें पद में लिखा है कि जहाँ वे एकत्र थे
वह जगह हिलने लगी और पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो गये और निर्भय होकर ईशवचन सुनाने लगे।
यह प्रार्थना आरंभिक ख्रीस्तीय समुदाय की एकता को प्रदर्शित करता है। यह आमंत्रित
करता है कि ख्रीस्तीय धर्म सतावट के बावजूद ईशवचन को निर्भीक होकर दुनिया को सुनायें
आज हम यहाँ एकत्र हुए हैं ताकि पाप और मृत्यु पर येसु मसीह के विजय होने से प्राप्त
पास्का पर्व की आध्यात्मिक खुशी को एक साथ मना सकें। यह प्रार्थना इस बात के लिये भी
आमंत्रित करता है कि हम जीवन में होने वाली घटनाओं को येसु मसीह के रहस्य की भविष्यवाणी
और ईश्वर की मुक्ति योजना के आलोक में देखें। यह प्रार्थना ईश्वर से इस बात की भी
याचना करती है कि वे सुसमाचार प्रचार के लिये हमें अपनी शक्ति से भर दें। आरंभिक
ख्रीस्तीय समुदाय की यह प्रार्थना हमें प्रेरित करे ताकि हम येसु मसीह की शक्ति और पवित्र
आत्मा के वरदान पाकर अपने जीवन में ईश्वरीय योजना को पहचानें। पवित्र आत्मा सदा आशा
प्रदान कराता है जो हमें निराश होने कदापि नहीं देगा। (रोमियो के नाम पत्र 5:5) इतना
कहकर संत पापा ने अपना संदेश समाप्त किया। उन्होंने गाब्रिएल ब्रदर्सों के जेनेरल
चैप्टर में हिस्सा लेनेवाले प्रतिनिधियों. कनाडा के ओट्टोवा के संत पौल युनिवर्सिटी के
कैनन लॉ के अध्यपकों और गायक दल का अभिवादन किया। इसके बाद संत पापा ने इंगलैंड,
आयरलैंड, फिनलैंड दक्षिण अफ्रीका इंडोनेशिया श्री लंका, थाईलैंड, वियेतनाम, त्रिनिदात,
कनाडा और अमेरिका तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों एवं उनके परिवार के सभी सदस्यों पर पुनर्जीवित
प्रभु की कृपा तथा शांति की कामना करते हुए उन्हें अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।