2012-04-16 14:29:11

‘नैशनल हीरो’ और समर्पित काथलिक का निधन


लाहौर,16 अप्रैल, 2012(अजेन्शिया फिदेस) ईशनिन्दा कानून के कट्टर विरोधी मानवाधिकार कार्यकर्ता और एक समर्पित काथलिक पाकिस्तान के ‘नैशनल हीरो’ सेसिल चौधरी निधन शनिवार, 14 अप्रैल को हो गया। वे 72 साल के थे। वे कैंसर की बीमारी से पीड़ित थे।

मानवाधिकार और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देनवाले चौधरी पाकिस्तान के अल्पसंख्यक मामलों के पूर्व मंत्री ‘शहीद’ शाहबाज़ भट्टी के शिक्षक चौधरी के निधन से पाकिस्तान के ईसाइयों ने एक जुझारु और सक्रिय काथलिक को खो दिया है।

‘एजेन्शिया फीदेस’ के अनुसार लाहौर के अपोस्तोलिक अडमिनिस्ट्रेटर मोन्सिन्योर सेबास्ति शो, पाकिस्तान धर्माध्यक्षीय समिति के अध्यक्ष कराची के महाधर्माध्यक्ष मोन्सिन्योर जोसेफ कूट्स, न्याय एवं शांति के लिये बनी आयोग के निदेशक फादर यूसफ एम्मानुएल और राष्ट्रीय सद्भावना केन्द्रीय मंत्री पौल भट्टी मुत्यु के पूर्व उनसे मिलने गय थे।

चौधरी ने भारत और पाकिस्तान के दो युद्धों सन् 1965 और 1971 ईस्वी में पाकिस्तान वायुसेना के पायलट रूप में देश की सेवा की और अपनी बहादूरी का परिचय दिया।

अपनी वीरता के लिये उन्हें कई बार पुरस्कृत भी किया गया। सेना में वीरता दिखलाने बाद उन्होंने शिक्षा जगत में महत्वपूर्ण योगदान दिये। उन्हें लाहौर स्थित संत अंतोनी कॉलेज का प्रथम डीन भी बनने का श्रेय प्राप्त है।

पाकिस्तान के लोग उन्हें एक निदेशक, शिक्षक और मैनेजर के रूप में तो सराहते रहे विश्वास, संस्कृति और उनके खुले विचारों के लिये भी उनका सम्मान करते थे।

चौधरी ने खुलकर ईशनिन्दा कानून का विरोध किया था। न्याय और शांति के बनी समिति के अध्यक्ष फादर योसफ एम्मानुएल ने कहा कि चौधरी देश के लिये एक महान् व्यक्ति और कलीसिया के लिये आदर्श थे।

कराची के महाधर्माध्यक्ष जोसेफ कूट्स ने चौधरी की मृत्यु पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, "सेसिल चौधरी की मृत्यु देश के लिये एक अपूर्णीय क्षति है। पूरा राष्ट्र उनका सम्मान करता था और देश और कलीसिया के प्रति उनकी निष्ठा अनुकरणीय है।"










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