मुम्बई, 13 अप्रैल, 2012 (एशियान्यूज़) मुम्बई के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल ऑस्वाल्ड ग्रेशियस
ने कहा है कि पास्का पर्व आनन्द और विश्वास का त्योहार है जो प्रेम और आशा को मजबूत
करता है। पास्का पर्व के द्वारा हमारा यह विश्वास में मजबूत होता है कि प्रभु येसु
मृतकों में से जी उठे हैं। उन्होंने कहा,"हमारी आशा एक स्वप्न मात्र नहीं है पर येसु
मसीह ने स्वयं हमारे बीच आकर जीवन, मृत्यु और पुनर्जीवन के मर्म को समझाया है। इसीलिये
हम इस बात की आशा करते हैं कि एक दिन हमारा प्रेमभरा प्रयास उचित फल उत्पन्न करेगा।"
उन्होंने कहा," हमें बचा करके येसु ने इस बात को बतलाया कि हमें एक परिवार का सदस्य
है और इसीलिये हमें चाहिये कि हम आनन्द, प्रेम और शांति के प्रचारक बनें। विश्वास को
समर्पित इस पावन वर्ष में कलीसिया हमें यही संदेश दे रही है कि हम अपने विश्वास में मजबूत
हों और दूसरों के विश्वास को भी समझें। सीबीसीआई के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष ग्रेशियस
ने कहा कि पास्का हमारे उत्साह और मिशन को नया कर देता है ताकि हम अपने विश्वास को दूसरों
को बतला सकें और कह सकें कि येसु हमारा मुक्तिदाता और मित्र है। येसु के पुनरुत्थान
ने हमें इस बात की गारंटी दी है कि हम भी मृत्यु पर विजय प्राप्त करेंगे और दूसरों की
सेवा के लिये अनवरत करते रहेंगे। कार्डिनल ने कहा कि मुम्बई धर्मप्रांत अपनी स्थापना
की 125वीं वर्षगाँठ मना रहा है जिसे ‘जीवित धर्मविधि’ का वर्ष रूप में मनाया जा रहा है।
हमारी आशा है कि पास्का काल पुनर्जीवित येसु की शक्ति हमारे जीवन को सचमुच जीवन्त सहभागितापूर्ण
और अर्थपूर्ण बना देगा। उन्होंने लोगों को आमंत्रित करते हुए कहा कि हम पास्का की
शक्ति से अपने विश्वास को मजबूत करें और दूसरे देश के अन्य धर्मावलंबियों के साथ मिलकर
सांस्कृतिक मतांतरों के बीच सेतु का कार्य करें। उन्होंने कहा, "अंतरधार्मिक वार्ता
के लिये जरूरी है कि हम अपने विश्वास में मजबूत हों। हम दूसरों के विश्वास को तबतक नहीं
समझ सकते हैं जब तक कि हम अपने विश्वास में परिपक्व न हों।" "आज हम निर्भीक होकर
उन मूल्यों और संदेशों को दूनिया को बतलायें जिन्हें येसु ने हमें बतलाया है ताकि प्रेम,
शांति, आनन्द और विश्वास का प्रचार हो।"