ईसाई नेताओं ने इतालवी नागरिक के रिहा करने का स्वागत किया
भुबनेश्वर, 13 अप्रैल, 2012 (एशियान्यूज़) इतालवी नागरिक बोसुस्को को माओवादियों द्वारा
रिहा कर दिये जाने पर प्रोटेस्टंट नेता साजन के जोर्ज ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त किया
है। उन्होंने कहा कि उन्हें अब भी इन्तज़ार कि माओवादी आदिवासी नेता झिना हिकाका की रिहाई
कर दें।
उन्होंने कहा कि उन्हें अब भी याद है ओडिशा सरकार का रवैया आदिवासियों
और ईसाइयों के प्रति भेदभावपूर्ण रहा है।
ग्लोबल कौसिल ऑप इंडियन क्रिश्चियन
के अध्यक्ष साजन जोर्ज ने कहा कि सन् 2008 में ईसाई विरोधी हिंसा के शिकार ईसाइयों द्वारा
स्थानीय पुलिस थाने में दायर 3300 मामलों में सिर्फ़ 831 मामलों की एफआईआर लिखी गयी।
साजन ने बतलाया कि कंधमाल सन् 2007 के दिसंबर से अगस्त 2008 तक अंतरराष्ट्रीय
मीडिया में छाया रहा पर अब तक कंधमाल में शांति और व्यवस्था नहीं लौट पायी है। अब तक
कंधमाल के ख्रीस्तीयों में दहशत है और कई जिलों में उन्हें विभिन्न भेदभावों को शिकार
होना पड़ता है।
विदित हो कि मार्च सन् 2012 में ‘यूएस कमीशन ऑन इंटरनैशनल रेलिजियस
फ्रीडम’ ने पाया कि भारत में धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों को जमकर हनन हुआ है।
उन्होंने
भारत के संबंध में इस प्रकार के निर्णय इस लिये दिये क्योंकि साम्प्रदायिक हिंसा के विभिन्न
मामलों में न्याय की प्रक्रिया बिल्कुल धीमी रही है या लोगों को न्याय नहीं मिला है।
स्वतंत्र फेडेरल एजेन्सी ने भारत सरकार को इस का सुझाव दिया था कि वे राज्य और
केन्द्रीय पुलिस को मजबूत करे और साम्प्रदायिक हिंसा रोके, इसके अपराधियों को दंडित करे
और पीड़ितों और गवाह देनेवालों को सुरक्षा प्रदान करे।
उन्होंने यह भी कहा कि
कई बेगुनाह और गरीब आदिवासियों को माओवादी करार कर जेल में डाल दिया गया और उनके लिये
कोई वकील में मुहैया नहीं कराया गया।
उनके मित्र भी इस भय से कि उन्हें भी पुलिस
गिरफ़्तार न कर ले कोई सहायता नहीं पहुँचा पाते हैं।