2012-04-11 07:56:09

प्रेरक मोतीः सन्त मारग्रेट दियूविल्ले (1701-1771)


वाटिकन सिटी 11 अप्रैल सन् 2012
मारग्रेट दियूविल्ले का जन्म कनाडा के क्यूबेक राज्य स्थित वारेन्स में 15 अक्टूबर, सन् 1701 ई. को हुआ था। ऊरसुलाईन धर्मबहनों के अधीन उन्होंने शिक्षा-दीक्षा प्राप्त की थी। सन् 1722 ई. में उन्होंने फ्राँसुआ दियूविल्ले के साथ विवाह रचाया किन्तु विवाह के आठ साल बाद, सन् 1730 ई. में, विधवा हो गई। अपनी तीन सन्तानों के पालन पोषण हेतु मार्ग्रेट दियूविल्ले ने नौकरी की और इसके साथ साथ पवित्र परिवार को समर्पित कल्याणकारी संस्था के साथ जुड़ गई तथा अपना अतिरिक्त समय लोकोपकार में व्यतीत करने लगी।

सन् 1737 ई. में मार्ग्रेट दियूविल्ले ने कनाडा में "ग्रे नन्स" नाम से विख्यात धर्मबहनों के लिये एक धर्मसंघ की स्थापना की। धर्मसंघ का मुख्य कार्य अस्पताल प्रेरिताई था। सन् 1747 ई. में मार्ग्रेट दियूविल्ले, मोन्ट्रियल के जेनरल हॉस्पीटल की निर्देशिका नियुक्त की गई थीं। इस अस्पताल का कार्यभार ग्रे नन्स के सिपुर्द कर दिया गया था।

23 दिसम्बर सन् 1771 को मार्ग्रेट दियूविल्ले का निधन हो गया। उनकी मृत्यु के बाद "ग्रे नन्स" धर्मसंघ ने अपनी प्रेरिताई कनाडा के अतिरिक्त संयुक्त राज्य अमरीका, अफ्रीका और दक्षिण अमरीका तक विस्तृत की तथा इन देशों में स्कूलों, अस्पतालों एवं अनाथालयों की स्थापना की। एस्किमो जाति के लोगों के बीच कल्याणकारी कार्यों के लिये "ग्रे नन्स" धर्मबहनें, विशेष रूप से, जानी जाती हैं।

सन् 1959 में मारग्रेट दियूविल्ले को सन्त पापा जॉन 23 वें ने धन्य घोषित किया था तथा सन् 1990 में सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय ने उन्हें सन्त घोषित कर वेदी का सम्मान प्रदान किया। 11 अप्रैल को मार्ग्रेट दियूविल्ले का पर्व मनाया जाता है।


चिन्तनः अनुशासन, संयम औप प्रार्थनामय जीवन व्यक्ति को परोपकार हेतु प्रेरित करता है।








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