2012-04-09 13:23:16

मार्क्सवादी अल्पसंख्यकों के साथ


कोजिकोड, 9 अप्रैल, 2012 (कैथन्यूज़) दलित ख्रीस्तीय और मुस्लिमों को अनुसूचित जाति में शामिल किया जाना चाहिये।
केरल की सीपीआइ मार्क्सवादी पार्टी ने उक्त माँग को उस समय दुहराया जब पार्टी की कोजिकोड में चल रही महासभा में उन्होंने अपने प्रस्ताव पास किये।
केन्द्रीय सरकार की आलोचना करते हुए सभा के सदस्यों ने कहा कि सरकार ‘जानबूझकर’ रंगनाथ मिश्रा कमीशन को लागू करने में विलंब कर रही है।
मार्क्सवादी पार्टी के सदस्यों ने उस माँग को दुहराया कि मुसलमानों के 10 प्रतिशत आरक्षण और शिक्षा और रोज़गार के क्षेत्र में अन्य अल्पसंख्यकों के लिये अतिरिक्त आरक्षण दिया जाये।
रंगनाथ मिश्रा आयोग के दो सुझावों की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन के आधार पर मुसलमानों को आरक्षण मिले और दलित मुसलमानों और ईसाइयों को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल किया जाये।
सदस्यों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा "थोपे गये" रोज़गार संबधी कुल आरक्षण के 50 प्रतिशत की आरक्षण सीमा के संशोधन के लिये एक कानून की ज़रूरत होगी ।
विदित हो कि रंगनाथ मिश्रा आयोग ने इस बात सरकार का ध्यान खींचा था कि दलित ख्रीस्तीय या इस्लाम धर्म स्वीकार किये लोगों के लिये सन् 1950 के राष्ट्रपति के निर्देश भेदभावपूर्ण थे।
अपनी महासभा में सीपीआइ-एम के सदस्यो ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर आरोप लगाया कि वह साम्प्रदायिकता का प्रचार करती है।








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