मुम्बई, 2 अप्रैल, 2012 (कैथन्यूज़) मुम्बई में अवस्थित अगस्त क्रांति मैंदान को गुड
फ्राइडे की धर्मविधि के लिये प्रयोग करने पर महाराष्ट्र सरकार की ओर से रोक लगा दिये
जाने से ख्रीस्तीय समुदाय में परेशान है। मुम्बई उच्च न्यायालय सन् 2006 के कोर्ट
का आदेश का हवाला देते हुए राज्य सांस्कृतिक विभाग ने कहा, "क्रांति मैदान को धार्मिक
कार्यक्रमों के लिये प्रयोग नहीं किया जा सकता।" हाई कोर्ट के आदेश के पूर्व राज्य
सरकार ने पूरे साल में 30 दिन की अनुमति दी थी जिसके आधार पर अगस्त क्रांति मैंदान को
विभिन् खेल-कूद, सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम के लिये प्रयोग में लाया जा सकता था।
कुम्बाला हिल के संत स्तीफन चर्च के फादर इरनेस्ट फरनानडेज़ ने कहा. "हम इस मैदान
का उपयोग पिछले 55 वर्षों से करते रहे हैं। और अगर इस अदालत का आदेश सन् 2006 से ही लागू
है तो उसके बाद धार्मिक कार्यों को करने की अनुमति क्यों दी गयी। फादर इरनेस्ट इस
बात की भी जानकारी दी है कि 30 दिन में से सिर्फ़ 22 दिन का ही कोटा समाप्त हुआ है और
राज्य सरकार के पास 8 दिन का समय है इसलिये सरकार को चाहिये वह इसकी अनुमति देने पर पुनर्विचार
करे। उन्होंने कहा कि ‘गुड फ्राइडे’ के लिये सिर्फ़ चार दिन रह गये हैं ऐसे में कोई
दूसरा विकल्प ढूँढ़ना आसान नहीं है। महाराष्ट्र क्रिश्चियन यूथ फोरम के अध्यक्ष
अनजेलो फरनान्डेस ने कहा, "यदि शहर के दूसरे स्थानों में धार्मिक कार्यक्रम चलाये जा
सकते हैं तो काथलिक क्यों इस मैदान का प्रयोग साल में दो बार नहीं कर सकते । काथलिकों
की सभा के अध्यक्ष गोरडन जेकबस ने कहा कि इतने अल्प समय में धर्मविधि के कार्यक्रमों
को सम्पन्न कराने के लिये नये स्थान को खोजना मुश्किल होगा। उधर पर्यटन और सांस्कृतिक
मामलों के सचिव ने इस संबंध में टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। अल्पसंख्यक विकास
मंत्री मुहम्मद आरिफ़ नासीम खान ने कहा है कि वे मंत्रालय में इस पर विचार-विमर्श के
बाद कोई रास्ता अवश्य ही निकाल लेंगे।