हवाना के होसे मारती हवाई अडडे में संत पापा का विदाई संदेश
हवाना क्यूबा 28 मार्च 2012 (सेदोक) संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने 28 मार्च को क्यूबा
की यात्रा के समापन पर रोम प्रस्थान करने से पूर्व हवाना के होसे मारती हवाई अड्डा में
आयोजित विदाई समारोह में क्यूबा के राष्ट्रपति राऊल कास्त्रो के संबोधन के बाद उपस्थित
विशिष्ट सरकारी और कलीसियाई अधिकारियों, गणमान्य व्यक्तियों और देशवासियों को सम्बोधित
करते हुए कहा कि वे ईश्वर को धन्यवाद देते हैं जिन्होंने उन्हें इस सुंदर द्वीप को देखने
का अवसर प्रदान किया जिसने उनके पूर्वाधिकारी संत पापा जोन पौल द्वितीय के दिल में गहन
छाप छोड़ी थी जब वे यहाँ सत्य और आशा का संदेश सुनाने के लिए आये थे। संत पापा ने
कहा कि वे भी उदारता के तीर्थयात्री रूप में आना चाहते थे ताकि कुँवारी माता मरिया को
उनकी उपस्थिति के लिए धन्यवाद दे सकें जो अल कोब्रे के तीर्थालय में वंदनीय प्रतिमा
के रूप में हैं तथा चार सदियों से इस देश में कलीसिया तथा सब क्यूबावासियों को प्रोत्साहन
देती है ताकि वे मानव दिल की गहनतम इच्छाओं और आकांक्षाओं के सच्चे अर्थ की खोज कर सकें
एवं समावेशी भ्रातृत्वमय समाज का निर्माण करने के लिए जरूरी शक्ति पा सकें। संत पापा
ने कहा कि मृतकों में से पुर्नजीवित हुए येसु ख्रीस्त इस संसार में चमकते हैं और उन स्थलों
में और अधिक आलोकित होते हैं जहाँ सबकुछ आशाविहीन है। उन्होंने मृत्यु पर विजय प्राप्त
की है , वे जीवित हैं, और उनमें विश्वास करना, एक छोटे बत्ती के समान, जो अंधकार और चुनौतियों
को दूर करते हैं। संत पापा ने इस यात्रा की तैयारी के लिए राष्ट्रपति महोदय और सब
अधिकरियों को उनकी रूचि और उदार सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने क्यूबा के काथलिक
धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के सदस्यों को उनकी त्याग और प्रयास के लिए धन्यवाद तथा उन सबलोगों
को भी धन्यवाद जिन्होंने विभिन्न रूपों में विशेष रूप से प्रार्थना द्वारा इस यात्रा
के लिए मदद किया। संत पापा ने कहा कि वे सब क्यूबावासियों को उनकी प्रार्थना, स्नेह,
हार्दिक आतिथ्य सत्कार एवं साझा वैध आकांक्षाओं के कारण अपने दिल के समीप रखते हैं।
संत पापा ने कहा कि वे यहाँ येसु के साक्षी रूप में इस दृढ़ विश्वास के साथ आये कि
येसु जहाँ उपस्थित हैं वहाँ आशा उत्पन्न होती है, भलाई अनिश्चितता को दूर करती है और
एक शक्तिशाली ताकत हितकारी तथा अनापेक्षित संभावनाओं के लिए क्षितिज को खोलती है। ख्रीस्त
के नाम में तथा संत पेत्रुस के उत्तराधिकारी के रूप में वे चाहते थे कि मुक्ति के संदेश
की उदघोषणा करें और क्यूबा के धर्माध्यक्षों, पुरोहितों, धर्मसमाजियों, पुरोहितीय अथवा
धर्मसमाजी जीवन की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों एवं लोकधर्मी विश्वासियों के उत्साह को
मजबूत करें। उनकी यह यात्रा सुसमाचार प्रचार काम में संलग्न लोगों, विशेष रूप से लोकधर्मी
विश्वासियों के धैर्य और आत्म बलिदान को नया संवेग प्रदान करे और वे अपने घर और कार्यस्थल
में ईश्वर के प्रति अपने समर्पण को नवीकृत कर देश के कल्याण और समग्र विकास के लिए जिम्मेदारपूर्ण
योगदान दें।
संत पापा ने कहा कि ख्रीस्त का प्रकाश सबलोगों को सामाजिक सौहार्द
को बढाने के लिए मदद करे तथा क्यूबा की भूमि पर सदगुणों को (Noble Values) को विकसित
होने की अनुमति प्रदान करे जो नवीकृत तथा मेलमिलाप से पूर्ण व्यापक दर्शन पर आधारित
समाज के निर्माण के लिए आधार हो।
संत पापा ने कहा कि अपनी तीर्थयात्रा को समाप्त
करते हुए वे क्यूबा और इसके निवासियों के विकास के लिए सतत प्रार्थना करेंगे जहाँ शांतिमय
भाईचारा के वातातरण में न्याय और स्वतंत्रता का सहअस्तित्व हो। आदर और स्वतंत्रता का
प्रसार हर व्यक्ति के दिल में मौजूद है ताकि वह अपनी मर्यादा के अनुकूल बुनियादी माँग
का यथोचित जवाब दे सके तथा इस प्रकार ऐसे समाज के निर्माण में मदद करे जहाँ सबलोग अपने
जीवन, परिवार और देश के भविष्य में सक्रिय भूमिका अदा करते हैं। धैयपूर्ण और ईमानदार
संवाद तथा सबलोगों को जोड़नेंवाले अथक प्रयासों से कठिनाईयों और विवादों को दूर किया
जा सकेगा। एक दूसरे को सुनने की इच्छा और लक्ष्य को स्वीकार करना जो नयी आशा लाये। क्यूबा
के लोगो अपने पूर्वजों के विश्वास को देखें तथा अपने दिल को सुसमाचार के लिए खोलें ताकि
अपने निजी और सामाजिक जीवन को स्वतःस्फूर्त नवीकृत होने दें।
संत पापा ने कहा
कि क्यूबा से विदा लेते हुए वे अल कोब्रे की माता मरिया से सब क्यूबावासियों के लिए प्रार्थना
करते हैं कि प्रलोभन और परीक्षा के मध्य धैर्य बनाये रखने के लिए ईश्वरीय कृपा पायें
। क्यूबा ऐसी भूमि है जो अल कोब्रे की माता मरियम की मातृत्वमय उपस्थिति के द्वारा सुंदर
बन गयी है। ईश्वर इसके भविष्य को आशीष दें।