2012-03-27 12:05:20

सान्तियागो दे क्यूबाः क्यूबा में विश्वास को नवीकृत करने हेतु सन्त पापा का मिशन जारी


सान्तियागो दे क्यूबा, 27 मार्च सन् 2012 (सेदोक): क्यूबा की धरती पर पैर रखते ही सोमवार को सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने कहा था कि वे उदारता के तीर्थयात्री रूप में क्यूबा पहुँचे थे तथा शान्ति, स्वतंत्रता एवं पुनर्मिलन के लिये प्रार्थना करना चाहते थे।

उन्होंने क्यूबा के समस्त नागरिकों की "न्यायसंगत आकाँक्षाओं के प्रति सहानुभूति का भी प्रदर्शन किया।

सान्तियागो दे क्यूबा हवाई अड्डे पर स्वागत समारोह के बाद सन्त पापा यहाँ से चार किलो मीटर की दूरी पर स्थित सान्तियागो के क्राँति चौक "ला प्लाज़ा आन्तोनियो माचेओ" गये जहाँ उन्होंने लगभग दो लाख तीर्थयात्रियों के लिये ख्रीस्तयाग अर्पित किया। क्यूबा के स्वतंत्रता सेनानी आन्तोनियो माचेयो को यह चौक समर्पित है जिन्होंने स्वतंत्रता के लिये लड़े गये 19 वीं शताब्दी के दो युद्धों में भाग लिया था तथा पश्चिमी क्यूबा में लड़ते लड़ते शहीद हो गये थे। इस प्लाज़ा में लगभग दो लाख व्यक्तियों की व्यवस्था है।

सोमवार को सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा अर्पित ख्रीस्तयाग का आयोजन एल कोब्रे की कुँवारी मरियम की मूर्ति की पुनः प्राप्ति की चौथी शताब्दी के उपलक्ष्य में किया गया था। सन् 1612 ई. में मछियारों ने मरियम की इस मूर्ति को क्यूबा की खाड़ी में तैरता पाया था। मरियम की यह प्रतिमा क्यूबा के सभी स्वतंत्रता सेनानियों की संरक्षिका हैं।

26 मार्च को काथलिक कलीसिया मरियम को मिले देवदूत सन्देश का पर्व मनाती है। इसी के उपलक्ष्य में सोमवार को ख्रीस्तयाग के लिये मरियम की इस अनमोल प्रतिमा को प्लाज़ा आन्तोनियो माचेओ में प्रतिष्ठापित किया गया था। ख्रीस्तयाग के दौरान सन्त पापा ने मरियम के के चरणों में एक सोने का एक गुलाब अर्पित किया।

ख्रीस्तयाग समारोह से कुछ समय पूर्व "साम्यवाद को गिराओ" नारा लगाने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया था। सन्त पापा के दर्शन को उमड़े जनसमुदाय ने भी रंग में भंग करनेवाले इस व्यक्ति के प्रति रोष प्रकट करते हुए, "क्यूबा, क्यूबा, क्यूबा" के नारे लगाये।

पर्यवेक्षकों का कहना है कि हाल के वर्षों में क्यूबा में कलीसिया तथा राज्य के बीच सम्बन्धों में काफ़ी सुधार आया है। राष्ट्रपति राऊल कास्त्रो ने राजनैतिक क़ैदियों की रिहाई आदि के मामलों में कलीसिया की मध्यस्थता को स्वीकार किया है तथा इस तथ्य को भी पहचाना है कि साम्यवादी सरकार के अतिरिक्त क्यूबा में यदि कोई प्रभावशाली संस्था है तो वह काथलिक कलीसिया ही है। इस पृष्टभूमि में सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें की तीन दिवसीय क्यूबा यात्रा, द्रुतगामी परिवर्तनों के युग में, कलीसिया एवं राज्य के बीच सम्बन्धों को सुधारने के साथ साथ क्यूबाई समाज में काथलिक कलीसिया की भूमिका को सुदृढ़ करने के प्रयास रूप में देखी जा रही है।













All the contents on this site are copyrighted ©.