2012-03-26 21:46:35

विदाई समारोह में संत पापा का संदेश


राष्ट्रपति महोदय, विशिष्ट अधिकारियो, कार्डिनलगण, माननीय धर्माध्यक्ष बन्धुओ एवं मेक्सिको के मित्रो, मेक्सिको के अल्प किन्तु महत्वपूर्ण दौरे की समाप्ति का समय आ गया है फिर भी मैं आपको बतलाना चाहता हूँ कि यह मेरे प्रेम और आपके प्रति मेरे लगाव का अन्त नहीं है।

मैं यहाँ से विदा होते हुए मैं अनगिनत न भूलनेवाले अनुभवों और ह्रदयस्पर्शी स्नेह के पलों को अपने साथ लेता जा रहा हूँ।

मैं राष्ट्रपति महोदय को उनके नेक शब्दों के लिये धन्यवाद देते हूँ और उन सभी अधिकारियों को अपनी कृतज्ञता प्रकट करता हूँ जिनके कारण मेरी यह यात्रा अविस्मरणीय हो पायी।

मेक्सिको की जनता के प्रति मैं आभारी हूँ जिनके सहयोग और योगदान से यह यात्रा सफल हो पाया है।

ईश्वर से मेरी प्रार्थना है कि वे आपके प्रयासों का उचित पुरस्कार दें और आपको मदद दें ताकि मेक्सिको के लेओन, गुवानाजुवातो में तथा लतिनी अमेरिकी और कैरीबियन देशों के लोग विश्वास, आशा और प्रेम में सुदृढ़ हों।

प्रभु येसु में आपके दृढ़ विश्वास और माता मरिया के प्रति आपकी भक्ति को मैने करीब से देखा है।

आप माता मरिया को जिन अर्थपूर्ण नामों जैसे ‘आवर लेडी ऑफ गुवाडालूपे’ और ‘आवर लेडी ऑफ लाइट’ से पुकारते है उसके प्रकाश की झलक मैंने आपके चेहरों में देखी है।

मैं आज इस बात को दुहराना चाहता हूँ कि आप स्वयं के प्रति वफ़ादार बनिये और बुरी ताकतों को हावी होने मत दीजिये और सावधानीपूर्वक अपना काम इस तरह से कीजिये कि आपका ख्रीस्तीय जीवन आपके वर्त्तमान और भविष्य को पोषित करे।

मित्रो इस प्रिय देश के प्रति मेरे दिल में कुछ चिन्तायें हैं जिनमें कुछ तो हाल के वर्षों में उभरी हैं और कुछ तो वर्षों से यहाँ विद्यमान हैं। उन सब को मैं अपने साथ लेता जा रहा हूँ क्योंकि मैं दुःख और सुख दोनों में मेक्सिको के लोगों के साथ एक हूँ।

मैं इनको एक प्रार्थना रूप में क्रूस के नीचे और येसु के ह्रदय को चढ़ा दूँगा जहाँ से हमारी मुक्ति के लिये जल और रक्त बहता रहता है।

इन परिस्थितियों में मैं मेक्सिको के काथलिकों और यहाँ के नेक इंसानों से अर्जी करता हूँ कि आप उपयोगितावादी मानसिकता से बचें जो कमजोरों और निःसहायों को कुचल डालता है।

मैं आप लोगों को आमंत्रित करता हूँ कि आप एक साथ मिल कर प्रयास करें ताकि समाज का नवीनीकरण हो और सबों को जीवन की मर्यादा न्याय और शांति मिल सके।

काथलिकों के लिये इस तरह के जनहित के कार्य या मानव संवर्धन या प्रेम की सर्वोच्च अभिव्यक्ति - सुसमाचारी जीवन के आवश्यक पहलु हैं।

इसी लिये कलीसिया विश्वासियों को इस बात के लिये प्रोत्साहन देती है कि वे अच्छे नागरिक बने तथा अपने व्यक्तिगत एवं सार्वजनिक कर्त्तव्यों के प्रति जागरुक रहें।

मेक्सिको के मित्रो मैं आपलोगों को ‘अदियोस’ कहता हूँ जिसका परंपरागत अर्थ है "ईश्वर में बने रहिये!" जी हाँ येसु के प्रेम में ‘अदियोस’। हम उन्हीं में मिले हैं और उन्हीं में एक-दूसरे से मिलते रहेंगे।

ईश्वर आपको आशीर्वाद दे और माता मरिया आपकी रक्षा करे। आप सबों को बहुत-बहुत धन्यवाद।


 









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