लेओनः मेक्सिको में सन्त पापा ने दिया आशा का सन्देश
लेओनः 26 मार्च सन् 2012 (सेदोक): मेक्सिको के लेओन शहर स्थित विशाल बायसेन्टिनल पार्क
में रविवार को सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने ख्रीस्तयाग अर्पित किया जिसमें लगभग पाँच
लाख श्रद्धालु उपस्थित हुए। शुक्रवार को रोम से मेक्सिको और क्यूबा में अपनी छः दिवसीय
प्रेरितिक यात्रा के लिये रवाना हुए, काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु, सन्त पापा बेनेडिक्ट
16 वें मेक्सिको में अपनी तीन दिवसीय प्रेरितिक यात्रा पूरी कर सोमवार अपरान्ह क्यूबा
के लिये रवाना हो रहे हैं।
रविवार, 25 मार्च को, मेक्सिको में काथलिक धर्म के
सर्वाधिक महत्वपूर्ण प्रतीक, ख्रीस्त राजा की विशाल प्रतिमा, की छत्र छाया में विस्तृत
लेओन के विशाल बायसेन्टिनल पार्क में एक दिन पहले से भक्तों का आना शुरु हो गया था। कईयों
ने रात वहीं बताई ताकि रविवार प्रातः के ख्रीस्तयाग में जगह मिल सके। लगभग पाँच लाख विश्वासियों
से भरा बायसेन्टिनल पार्क उस समय तालियों की गड़गड़ाहट और बैण्ड बाजों की ध्वनि से गूँज
उठा जब सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें को लाने वाले मेक्सिकी सेना के हेलीकॉप्टर ने पार्क
के ओर छोर चक्कर लगाये। उत्साह एवं हर्षोल्लास के साथ भक्त समुदाय ने अपने बीच काथलिक
कलीसिया के परमाध्यक्ष का हार्दिक स्वागत किया।
पार्क के द्वार पर सन्त पापा
अपनी पारदर्शी मोटर गाड़ी पर सवार हुए ताकि उत्साही भक्तों को दर्शन दे सकें। बीच में
किसी ने सन्त पापा को मेक्सिको की सोमब्रेरो टोपी प्रदान की जिसे पहन कर उन्होंने मेक्सिको
की जनता के प्रति स्नेह और सम्मान का प्रदर्शन किया। लेओन में जीन्स की एक फेक्टरी की
मालिकन 50 वर्षीय लोरेना डायज़ ने कहा, "हम उनके लिये प्रार्थना करते हैं ताकि वे हमारी
मदद कर सकें, ताकि हमारे देश से हिंसा समाप्त हो। हम प्रार्थना करते हैं कि वे हमें शांति
दिलायें।"
पत्रकारों से बातचीत में वाटिकन के प्रवक्ता फादर फेदरीको लोमबारदी
ने कहा कि सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें, विशेष तौर पर, गुआनाहुआतो आना चाहते थे ताकि ख्रीस्त
राजा की उस प्रतिमा को देख सकें तथा आशीर्वाद दें सकें जिसके दर्शन की चाह धन्य सन्त
पापा जॉन द्वितीय के मन में सदैव बनी रही किन्तु जिसे वे देख नहीं पाये थे।
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फुट ऊँची, बाँहें फैलाये ख्रीस्त राजा की ताम्ब्र प्रतिमा, मेक्सिको के लोगों के लिये,
सन् 1926 से 1929 ई. तक सरकार तथा उसके याजकवर्ग विरोधी कानूनों के विरुद्ध चली, रोमी
काथलिक कलीसिया की क्राँन्ति की याद का एक शक्तिशाली स्मारक है। ख्रीस्त राजा की विशाल
प्रतिमा के विषय में मेक्सिकी काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के महासचिव महाधर्माध्यक्ष
विक्टर रॉडरिग्ज़ ने कहा, "यह प्रतिमा मेक्सिकी लोगों की पहचान है, यह उनकी अस्मिता को
अभिव्यक्ति प्रदान करती है, इसमें विश्वास का साक्ष्य प्रदान करनेवालों तथा धार्मिक स्वतंत्रता
के लिये मर मिटनेवालों का इतिहास समाहित है।" बायसेन्टिनल पार्क में सन्त पापा के आगमन
से पूर्व मेटल डिटेक्टर को पार करने के लिये खड़े, श्वेत और श्याम परिधान धारण किये,
सैकड़ों युवा पुरोहित क्रिस्तेरो क्राँन्ति के विख्यात नारे लगाते रहेः "ख्रीस्त जीवित
हैं, ख्रीस्तराजा ज़िन्दाबाद"।
20 वीं शताब्दी के आरम्भ में कलीसिया एवं
याजकों पर लगे प्रतिबन्धों के तहत विशाल मैदानों एवं चौकों में सार्वजनिक स्तर पर ख्रीस्तयाग
अर्पित करना अथवा किसी भी प्रकार के धार्मिक समारोह का आयोजन करना वर्जित था। रविवार
को क्रान्ति के इसी स्थल पर सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने पाँच लाख लोगों के लिये ख्रीस्तयाग
अर्पित किया मानों इस तथ्य की पुष्टि कर रहे हों कि प्रभु ईश्वर के प्रेम एवं उनकी दया
के आगे मानवीय अहंकार से उत्पन्न बड़ी से बड़ी विचारधाराएँ धराशायी हो जाती हैं।