2012-03-25 14:29:00

संत पापा का संदेश - बच्चों के लिये


मेक्सिको, 25 मार्च, 2012 (सेदोक, वीआर) मेरे प्रिय बच्चो, मैं प्रसन्न हूँ क्योंकि मुझे आप लोगों से मिलने का अवसर मिला है और मैं देख रहा हूँ कि आपकी मुस्कान से यह पूरा सुन्दर प्रांगण भर गया।

मेरे दिल में आपके लिये विशेष प्यार है। और इस क्षण में मैं चाहूँगा कि मेक्सिको के सब बच्चे इस बात को जाने विशेष करके वैसे बच्चे जिन्हें हाल के महीनों में आये अनावृष्टि के कारण दुःख, परित्याग, हिंसा या भूख सहने पड़े थे। इस विश्वासपूर्ण मुलाक़ात की खुशी को आपने अपने गीत व्यक्त किया है इसके लिये आज मैं कृतज्ञ हूँ। आज हमारे दिल में अपार खुशी है, जो महत्त्वपूर्ण है।

ईश्वर चाहते हैं कि हम सदा प्रसन्न रहें। वे हमें जानते हैं और प्यार करते हैँ। यदि हम अपने दिल को येसु के प्रेम से बदलने दें तो हम दुनिया को बदल सकते हैं। यही है सच्ची खुशी का का रहस्य।

आज हम जिस स्थान में खड़े हैं उसे "ला पाचे" या ‘शांति’ के नाम से जाना जाता है यह हमें इस बात की याद दिलाती है कि प्रत्येक व्यक्ति के दिल में एक गहरी चाह हैः वह है - शांति । यह एक वरदान है जो ऊपर से दिया गया है।

पुनर्जीवित येसु ने कहा था, "तुम्हें शांति मिले।"(संत योहन 20:21) इस शब्द को पवित्र यूखरिस्तीय बलिदान में सुनते हैं और आज यही शब्द हमारे बीच गूँज रहा है ताकि हम पूर्ण रूप से बदल जाये और हम उस शांति के प्रचारक बनें जिसके लिये येसु ने अपने प्राण दिये।

येसु मसीह के अनुयायी बुराई का जवाब बुराई से नहीं देते पर वे हमेशा अच्छाई के साधन बनते. क्षमा के संदेशवाहक बनते, आनन्द का प्रचार करते और एकता के सेवक बने रहते हैं। येसु चाहते हैं कि वे हमारे दिल में मित्रता की कहानी लिख दें। आप उन्हीं में बने रहिये और उन्हें अपना सच्चा साथी बनाइये।

येसु उनके साथ बातें करने से कभी नहीं थकते, जो हमेशा प्यार करते और दूसरों का भला चाहते हैं। यदि आप येसु के साथ रहने की तीव्र इच्छा रखेंगे तो येसु आपको हर विकट परिस्थिति से बचने में मदद देंगे।

मैं यहाँ पर आया हूँ ताकि आप सब जान सकें कि मैं आपको प्यार करता हूँ। आप में से प्रत्येक जन मेक्सिको और पूरी दुनिया के लिये एक वरदान है। आपके परिवार, कलीसिया, स्कूल और वे सभी जिनपर आपलोगों की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी सौंपी गयी है यह सुनिश्चित करे कि आपको एक ऐसी दुनिया का उत्तराधिकारी बनाये जहाँ फूट और ईर्ष्या न हो।

इसीलिये मेरी इच्छा है कि मैं आवाज़ उठाऊँ और आमंत्रित करूँ कि प्रत्येक जन बच्चों की रक्षा के लिये सामने आये और उनकी देखभाल करे ताकि कोई भी शक्ति उनके चेहरे की मुस्कान छीन न ले और वे शांति और आत्मविश्वास के साथ अपना जीवन जी सकेँ।

बच्चो, आप अकेले नहीं हैं। आपके साथ येसु मसीह और उसकी कलीसिया है ताकि आप ख्रीस्तीय तरीके से अपना जीवन जी सकें। रविवारीय यूखरिस्तीय बलिदान में हिस्सा लीजिये, धर्मशिक्षा और प्रेरितिक कार्यों में हिस्सा लीजिये और प्रार्थना भ्रातृत्व और सेवा के अवसर ढूँढ़िये।

धन्य क्रिस्तोबाल, अंतोनियो और हुवान जैसे लक्सकला के जवान शहीदों ने इसी तरह का जीवन जीया और मेक्सिको में सुसमाचार प्रचार के आरंभिक दिनों में येसु के जानने का प्रयास किया। उन्होंने पाया कि येसु से बड़ा और कुछ भी नहीं है। उनकी आयु आपलोगों के समान ही थी और उन्हीं से हम इस बात को जान सकते हैं कि येसु को प्यार करने के लिये उम्र की कोई सीमा नहीं है।


आज मेरी इच्छा हो रही हैकि मैं आप लोगों के साथ कुछ और पल बिताऊँ पर अब समय हो चुका है और मुझे आगे जाना है। हम प्रार्थनाओं के द्वारा एक-दूसरे के निकट बने रहेंगे। इसलिये मैं आपलोगों को निमंत्रित करता हूँ कि आप आज मेरे लिये प्रार्थना करें और अपने घर जाकर भी प्रार्थना करना जारी रखें।


ऐसा करने से आप उस आनन्द को प्राप्त करेंगे जिसे हम ईश्वर से बात करने से प्राप्त करते हैं। प्रत्येक के लिये प्रार्थना कीजिये और मुझे अपनी प्रार्थनाओं में अवश्य याद कीजिये।


मैं आप लोगों के लिये प्रार्थना करुँगा ताकि मेक्सिको एक ऐसा राष्ट्र बन सके जहाँ शांति और सद्भावना हो। मैं आप सबों को सह्रदय आशीर्वाद देता हूँ जिसे आप अपने माता-पिता, भाई-बहनों और उनके साथ बाँटें जो आपको प्यार करते हैं।
माता मरिया सदा आप लोगों को अपनी छत्र-छाया में रखे।








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