2012-03-22 15:53:34

संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव का विश्व जल दिवस के लिए संदेश


न्यूयार्क 22 मार्च 2012 (यूएन) 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया गया। संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव बान की मून ने इस दिवस के लिए दिये गये अपने संदेश में कहा कि हम अपने समर्पण की पुनर्पुष्टि करें ताकि 800 मिलियन लोगों की पीड़ा समाप्त कर सकें जो स्वच्छ पेयजल और शौचालय की सुविधा से वंचित हैं तथा यह सब सम्मान और अच्छे स्वास्थ्य से पूर्ण जीवन जीने के लिए जरूरी हैं।
उन्होंने कहा कि विश्व सस्टेनेबल फ्यूचर या धारणीय भविष्य के लिए चार्ट बना रहा है पानी, भोजन और ऊर्जा की महत्वपूर्ण जरूरत है। बिना जल के मर्यादा नहीं है और गरीबी से बचा नहीं जा सकता है। वैश्विक आबादी का लगभग 60 फीसदी शहरों और नगरों में निवास करता इसलिए इस वर्ष के जल दिवस का शीर्षक है " शहरों के लिए जल " । यह शीर्षक शहरी भविष्य के सामने आनेवाली प्रमुख चुनौतियों को रेखांकित करता है। विगत दशक में शहरों में रहनेवाले लोंगो जिनके घरों में या निकटवर्ती क्षेत्र में पानी के नल नहीं हैं यह संख्या लगभग 114 मिलियन बढ़ी है तथा जिनके पास शौचालय सुविधा नहीं है यह संख्या बढ़कर 134 मिलियन हो गयी है। इस 20 फीसदी बढ़ोत्तरी का मानव स्वास्थ्य तथा आर्थिक उत्पादकता में बहुत अवरोधात्मक असर हुआ है। लोग बीमार हैं तथा काम नहीं कर पा रहे हैं। सन 2012 में रियो दि जनेरो में धारणीय विकास पर सम्पन्न होनेवाले आगामी संयुक्त राष्ट्र संघीय सम्मेलन में जल संबंधी समस्याएँ प्रमुखता से उठायी जायेंगी।
संयुक्त राष्ट्र संघीय महासचिव बान की मून ने कहा कि जल संबंधी संयुक्त राष्ट्र संघीय उच्च स्तरीय पैनल इन उपायों की जाँच कर रहा है ताकि जल, ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा के मध्य बिन्दुओं को जोड़ सके एवं रोजगार उत्पन्न करने तथा निर्धनता और असमानता, पर्यावरण पर पडनेवाले दबाव और जलवायु परिवर्तन के खतरों को कम किया जा सके। उन्होंने सरकारों से आग्रह किया कि शहरी क्षेत्रों के जल संकट को स्वीकारेँ क्योंकि यह प्रशासन, कमजोर नीतियों और कमजोर प्रबंधन का संकट है न कि संसाधन की कमी का मामला है।







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