काहिरा, 21 मार्च सन् 2012न (रायटर): मिस्र की राजधानी काहिरा के सेन्ट मार्क महागिरजाघर
में, मंगलवार को, हज़ारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने एकत्र होकर, मिस्र के कॉप्टिक
ऑरथोडोक्स समुदाय के धर्मगुरु, प्राधिधर्माध्यक्ष पोप शिनोडा की अन्तयेष्टि में भाग लिया।
इस दिन, दिवंगत पोप शिनोडा के आदर में सम्पूर्ण मिस्र में शोक दिवस मनाया गया तथा राष्ट्रीय
ध्वज आधे झुके रहे।
मध्यपूर्व के सर्वाधिक विशाल ख्रीस्तीय समुदाय, मिस्र की
कॉप्टिक ऑरथोडोक्स ख्रीस्तीय कलीसिया के प्राधिधर्माध्यक्ष, 88 वर्षीय पोप शिनोडा का
निधन शनिवार को हो गया था।
इथियोपियाई ऑरथोडोक्स कलीसिया के धर्माधिपति प्राधिधर्माध्यक्ष
आबूना पौलोस ने काहिरा के सेन्ट मार्क महागिरजाघर में अन्तयेष्टि याग अर्पित किया जिसमें
विश्व के विभिन्न भागों से मिस्र पहुँचे कॉप्टिक धर्माध्यक्षों सहित देश के वरिष्ठ सरकारी
अधिकारियों ने भाग लिया।
अन्तयेष्टि याग के बाद दिवंगत प्राधिधर्माध्यक्ष पोप
शिनोडा को सन्त बुशॉय को समर्पित मठ के कब्रस्तान में मिट्टी दी गई। यह वही मठ है जहाँ,
चार वर्षों तक (सन् 1981 से 1985 तक) पोप शिनोडा को, मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति अनवर-अल-सादात
के शासन की आलोचना करने के लिये, दण्डित कर नज़रबन्द कर दिया गया था।
प्राप्त
समाचारों के अनुसार अन्तयेष्टि से एक दिन पूर्व दिवंगत पोप शिनोडा के दर्शानार्थ आये
श्रद्धालुओं की संख्या इतनी अधिक थी कि भगदड़ में कम से कम तीन व्यक्ति दबकर मर गये तथा
139 घायल हो गये। इसी के मद्देनज़र मंगलवार को सेन्ट मार्क महागिरजाघर के आस पास अधिकारियों
ने कड़ा पहरा लगा रखा था तथा शव यात्रा एवं कब्रस्तान के आसपास भी कड़े सुरक्षा उपाय
किये गये थे। कई एम्बूलेन्स और मेडिकल स्टाफ मौजूद थे।
मिस्र में तानाशाही शासन
के अन्त को लाने में पोप शिनोडा की भूमिका को अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। मिस्र
के ख्रीस्तीय एवं मुसलमान समुदायों के बीच मैत्री एवं सदभाव को प्रोत्साहित करने हेतु
पोप शिनोडा सराहनीय प्रयास करते रहे थे।
मिस्र की आठ करोड़ की कुल आबादी में
लगभग अस्सी लाख ख्रीस्तीय धर्मानुयायी हैं।