उड़ीसाः कन्धामाल के पीड़ितों ने की संयुक्त राष्ट्र संघीय प्रतिनिधि से मुलाकात
नई दिल्ली, 21 मार्च सन् 2012 (ऊका): उड़ीसा के कन्धामाल ज़िले में, सन् 2008 के दौरान
हुई ख्रीस्तीय विरोधी हिंसा के शिकार बने पीड़ितों के एक सात सदस्यीय प्रतिनिधिमण्डल
ने, नई दिल्ली में, मंगलवार को, संयुक्त राष्ट्र संघ के विशेष दूत से मुलाकात कर, उनपर
हुए अन्याय से उन्हें अवगत कराया।
सदस्यों ने संयुक्त राष्ट्र संघीय दूत क्रिस्टोफ
हेयन्स को, न्यायेतर तथा अन्धाधुन्ध हत्याओं के बारे में बताया तथा शिकायत की कि जानबूझकर
पुलिस एवं प्रशासन ने ख्रीस्तीयों के विरुद्ध हिन्दु चरमपंथियों के हमलों को रोकने के
लिये कुछ नहीं किया था।
दलित मानवाधिकार सम्बन्धी राष्ट्रीय अभियान के महासचिव
एस.डी,जे.एम. प्रसाद के नेतृत्व में उक्त प्रतिनिधिमण्डल ने श्री क्रिस्टोफ हेयन्स से
बातचीत की।
ग़ौरतलब है कि सन् 2008 के दौरान उड़ीसा के कन्धामाल तथा अन्य ज़िलों
में ख्रीस्तीयों के विरुद्ध हिन्दु चरमपंथियों की हिंसा में लगभग 100 व्यक्ति मारे गये
थे, कई गिरजाघरों एवं ख्रीस्तीय आवासों को आग हवाले कर दिया गया था तथा लगभग 50,000 से
अधिक लोग शरणार्थी हो गये थे। बहुत से पीड़ित अभी भी न्याय की प्रतीक्षा में हैं।
संयुक्त
राष्ट्र संघीय दूत क्रिस्टोफ हेयन्स 17 मार्च से दिल्ली में हैं तथा न्यायेतर एवं अन्धाधुन्ध
हत्याओं पर एक रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। यह रिपोर्ट जिनिवा में संयुक्त राष्ट्र संघीय
मानवाधिकार समिति के समक्ष प्रस्तुत की जायेगी।