2012-03-19 14:01:02

फादर जेयापौल गिरफ़्तार


एरोद, 19 मार्च, 2012(कैथन्यूज़) तमिलनाडू के एक काथलिक पुरोहित जेयापौल को पुलिस ने बाल यौन दुराचार मामले में गिरफ़्तार कर लिया है।
57 वर्षीय जोसेफ पलानिभेल जेयापौल का इंटरपोल 5 वर्षों से तलाश कर रही थी। पुलिस ने फादर जेयापौल को तमिलनाडू के उत्तकामुंद के एरोद के निकट एक पल्ली से गिरफ़्तार कर लिया और एरोद के जुडिशियल मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। और अब उसे दिल्ली में इंटरपोल के अधिकारियों को सौंप दिया जायेगा।
ज्ञात हो कि फादर जेयापौल सन् 2004 में मिन्नेसोता के क्रूकस्टोन धर्मप्रांत में बाल आश्रम में कार्य किया था।
दो नाबालिग लड़कियों ने उस पर यौन-शोषण का आरोप लगाया है। यद्यपि सन् 2005 में अमेरिका में फादर के विरुद्ध एक केस दायर किया गया था वे उसी वर्ष भारत लौट आये थे।
अमेरिकी सरकार ने मामला इंटपोल को सौंप दिया था और इंटरपोल ने गिरफ़्तारी का वारंट जारी कर दिया था।
इंटरपोल एरोद पुलिस महाधीक्षक एस. पन्नीरसेल्भम की मदद से थलावादी क्षेत्र के सिम्मीत्तीहाली क्षेत्र में एक सहायक पुरोहित के रूप में कार्य करते पाये।
जेयापौल ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि वे निर्दोष हैं और अमेरिका जाने का विरोध नहीं करेंगे ताकि उनका मामला बिल्कुल साफ हो सके।

विदित हो कि इस मामले में स्थानीय लोगों ने वाटिकन को इससे जोड़ने का प्रयास किया था।

उनके अनुसार क्रूकस्टन के धर्माध्यक्ष विक्टर बाल्के ने इस संबंध में वाटिकन को जानकारी दी थी पर वाटिकन ने कोई अनुशासनात्मक कारवाई नहीं की।

यह भी बताया गया कि सन् 2011 ईस्वी के सिंतम्बर माह में क्रूकस्टन धर्मप्रांत ने मुकदमा नहीं लड़ने का निर्णय किया और पीड़ितों को 7 लाख 50 हज़ार की राशि चुका दी।

हर्ज़ाना देने के साथ धर्मप्रांत ने यह भी स्वीकार किया था कि वह भारतीय पुरोहित की तस्वीर तथा घटना के बारे में अपने आधिकारिक वेबपेज़ में प्रकाशित करेगा। धर्मप्रांत यौन दुराचार के शिकार अन्य लोगों को भी खोजने का प्रयास करेगा।




















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