दिल्ली में कार्यरत स्वयंसेवी संस्था ‘चिन्तन’ पुरस्कृत
वाशिंगटन, 10 मार्च, 2012(कैथन्यूज़) दिल्ली में कार्यरत स्वयंसेवी संस्था ‘चिन्तन’ को
बालिकाओं और नारियों के सशक्तिकरण के लिये पुरस्कृत किया गया है। रोकफेलर फाउँडेशन
द्वारा दिये जा रहे पुरस्कार की घोषणा अमेरिकी सेक्रटरी ऑफ स्टेट हिलरी क्लिंटन ने शुक्रवार
9 मार्च को किया। कैथन्यूज़ के अनुसार इस वर्ष जिन संस्थाओं को पुरस्कृति किया गया
है उनमें कृषि, तकनीकि, आर्थिक सशक्तिकरण और ग्रीन अर्थव्यवस्था से प्रमुख हैं। ‘चिन्तन’
के कार्यों के बारे में बतलाते हुए कहा गया कि इस संस्था को पुरस्कार के लिये चुना गया
क्योंकि इसने अनौपचारिक सेक्टर में ‘ग्रीन जोब्स’ की वकालत कर पर्यावरणीय न्याय को
बढ़ावा दिया है। विदित हो कि ‘चिन्तन’ नामक यह संस्था ने कचड़े जमा करने वाले बच्चों
को जागृत करने और बाल श्रम को समाज से समाप्त करने के लिये कार्य किया है। यह संस्था
पर्यावरण संबंधी शोध कार्य से भी जुड़ी हुई है। गैरसरकारी संस्था चिन्तन के संस्थापक
भारती चतुर्वेदी ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कई शोधों जैसे अनहबितातस रिपोर्ट 2010
ऑन सॉलिड वेस्ट इन द वर्ल्डस सिटीस में अपना योगदान दिया है। चतुर्वेदी को वर्ष 2009
में जोन हॉपकिन्स अलुमनी ‘नोलेज़ फॉर द वर्ल्ड अवार्ड से भी सम्मानित कियागया था। हिन्दुस्तान
टाइम्स में वे एक कॉलम लेखिका भी हैं। पुरस्कार के चयन के लिये जो न्यायपीठ थी उसमें
मुहम्मद युनूस (ग्रामीण बैंक) चेरी ब्लेयर (चेरी ब्लेयर फाउँडेशन) शेरिल सैन्दबर्ग (फेसबुक)
और युनाईटेड नेशन्स के नोलीन हेज़ेर शामिल थे। केन्या और तंज़िनिया की संस्थाओं
को भी बालिकाओं और नारियों के उत्थान के