धन्य
कैथरीन का जन्म, फिलाडेल्फिया के पेनसिल्वेनिया में, 26 नवंबर, सन् 1858 ई. को हुआ था।
कैथरीन जब कुछ ही सप्ताहों की थी तब उनकी माता का देहान्त हो गया था। पत्नी की मृत्यु
के बाद कैथरीन के पिता ने एम्मा नाम की एक नेक महिला से विवाह रचा लिया। अपनी सन्तान
लूईज़े के साथ साथ एम्मा ने ड्रेक्सल की दोनों लड़कियों, एलिजाबेथ और कैथरीन, की परवरिश
भी बहुत प्यार दुलार से की। इस प्रकार कैथरीन का बाल्यकाल बहुत ही सुखद रहा। धनी परिवार
में जन्म लेने के बावजूद माँ एम्मा ने बच्चों को सिखाया कि ईश्वर के प्रति प्रेम प्रदर्शित
करने का सर्वोत्तम तरीका था ज़रूरतमन्दों की मदद करना।
जब कैथरीन बड़ी हुईं
तब उन्होंने अपना समय एवं पैसा ग़रीबों में बाँटना आरम्भ कर दिया। काथलिक कलीसिया की
गतिविधियों में वे अत्यधिक सक्रिय रहीं तथा अफ्रीकी अमरीकी एवं अमरीका के मूलनिवासियों
के कल्याण हेतु जुट गईँ। इसके बाद उन्होंने फिर कभी पलट कर पीछे नहीं देखा। सन् 1891
ई. में कैथरीन ने मिशनरियों के एक धार्मिक समुदाय की स्थापना की जो आगे चलकर "सिस्टर्स
ऑफ बेलेसेड सैक्रामेन्ट" के नाम से विख्यात हो गया तथा कैथरीन, कैथरीन से मदर कैथरीन
बन गई। यूखारिस्त में प्रभु येसु की आराधना से आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त कर धर्मसंघ ने
अफ्रीकी-अमरीकी जाति तथा अमरीका के मूलनिवासियों की उदारतापूर्वक सेवा की। धर्मसंघ ने
अमरीका में कई स्कूलों, आश्रमों तथा तथा मिशनरी केन्द्रों की स्थापना की। सन् 1925 ई.,
में मदर कैथरीन के धर्मसंघ ने न्यू ऑरलियन्स में "ज़ेवियर विश्वविद्यालय" की स्थापना
की। धनी परिवार की कैथरीन ने अपने परिवार से मिली लाखों डॉलरों की सम्पत्ति अपने धर्मसंघ,
"सिस्टर्स ऑफ बेलेसेड सैक्रामेन्ट" के सेवाकार्यों में लगा दी तथा अपने जीवन के अन्त
तक तन मन धन से उदारता कार्यों में लगी रहीं।
तीन मार्च सन् 1955 ई. को, 97
वर्ष की आयु में, मदर कैथरीन का निधन हो गया। 20 नवम्बर सन् 1988 ई. को सन्त पापा जॉन
पौल द्वितीय द्वारा मदर कैथरीन को धन्य घोषित किया गया था।
चिन्तनः ज़रूरतमन्द
और हाशिये पर जीवन यापन करने वालों की मदद के लिये क्या हम कुछ कर सकते हैं? भौतिक वस्तुओं
का मोह छोड़कर क्या हम अपने जीवन में प्रभु ईश्वर के लिये थोड़ी सी जगह बना सकते हैं?