2012-03-03 14:49:32

अमेरिकी काँग्रेस और फिल्म हस्तियों ने पास्टर के रिहाई की अपील की


वाशिंगटन, 3 मार्च, 2012 (सीएनए) अमेरिकन काँग्रेस और देश के अनेक प्रसिद्ध हस्तियों ने ख्रीस्तीय विश्वास के त्याग से इंकार कर देने के लिये मौत की सजा प्राप्त इरानी पास्टर युसेफ़ नदारखानी की मुक्ति के प्रयास तेज़ कर दिये हैं।
1 मार्च को अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेजेनटेटिवस ने पूर्ण बहुमत से एक प्रस्ताव पास कर पास्टर युसेफ नदारखानी को स्वधर्मत्याग के आरोप में ‘अनवरत यातना देने, जेल में रखने और सजा सुनाने’ के लिये ईरानी सरकार की कड़ी आलोचना की।
प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि ईरानी सरकार नदारखानी और उसके साथ जितने लोग भी धार्मिक विश्वास के लिये जेल में बंद लोगों को निर्दोष क़रार दे और तुरन्त बिना शर्त के रिहा कर दे।
अमेरिकी काँग्रेस के निम्न सदन में लाये गये प्रस्ताव पर अपने विचार रखते हुए जोसेफ पिट्स ने कहा, "ईरान का संविधान स्वयं ही संयुक्त राष्ट्र संघ के मानवाधिकारों की घोषणा और नागरिक और राजनीतिक अधिकारों के अंतरराष्ट्रीय अधिनियम की तरह धार्मिक स्वतंत्रता को मान्यता देता है। ईरान ने दोनों अंतरराष्ट्रीय अधिनियमों पर हस्ताक्षर कर अपनी स्वीकृति दी है।"
अमेरिकी काँग्रेस ने स्पीकर जोन बोयनर ने कहा, "अमेरिकी काँग्रेस ने अपने संदेश स्पष्ट कर दिया है कि धार्मिक स्वतंत्रता सार्वव्यापी मानवाधिकार है।"
उन्होंने कहा, "किसी भी देश में किसी धर्म का कोई व्यक्ति अपने धर्म के अनुसार जीते हुए यातना के भय में न जीये और किसी भी सरकार द्वारा अपने विश्वास के त्याग कराने या इस पर कोई समझौता करने के लिये बाधित न हो।"
विदित हो कि नदारखानी को सन् 2009 में उस समय जेल में बंद कर दिया गया जब उन्होंने स्थानीय अधिकारियों को इस बात की शिकायत की थी कि स्कूल में उसके बच्चे को कुरान पढ़ने के लिये दबाव डाला जा रहा है।
21 फरवरी को ‘अमेरिकन सेंटर फॉर लॉ एंड जस्टिस’ इस बात की जानकारी दी थी कि पास्टर को मौत की सजा देने के आदेश जारी कर दिये गये हैं।
उधर अभिनेत्री जूली बेंज और पतरिसिया हीटन ने भी ट्विटर के सहारे पास्टर के रिहा करने की अपील की है। ट्विटर के द्वारा करीब 1 मिलियन लोगों ने भी पास्टर नदारखानी को मुक्त कर देने की अपील दुहरायी है।














All the contents on this site are copyrighted ©.