2012-03-01 16:01:06

परमधर्मपीठीय पर्यवेक्षक महाधर्माध्यक्ष सिल्वानो तोमासी का जिनेवा में सीरिया पर वक्तव्य


जिनेवा 1 मार्च 2012 (सेदोक) जिनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र संघ के कार्यालय तथा अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों में परमधर्मपीठ (होली सी) के स्थायी पर्यवेक्षक महाधर्माध्यक्ष सिल्वानो एम तोमासी ने मानवाधिकार समिति की 19 वीं सत्र में सीरिया पर सम्पन्न जरूरी वाद विवाद पर 28 फरवरी को सम्बोधित करते हुए कहा कि सीरिया में हो रही हिंसा की बढ़ती घटनाओं तथा इनके परिणामस्वरूप प्रभावित होनेवालों और उनकी पीड़ाओं के लिए परमधर्मपीठ गहन चिंता व्यक्त करती है।

महाधर्माध्यक्ष तोमासी ने संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा की गयी अनेक अपीलों विशेष रूप से 12 फरवरी को गयी अपील का स्मरण किया जिसमें उन्होंने सीरिया में हिंसा और रक्तपात को समाप्त करने की आकस्मिक अपील की थी। संत पापा ने हिंसा में शामिल सब पक्षों से आह्वान किया था कि वे संवाद, मेलमिलाप और शांति के प्रति समर्पण को प्राथमिकता प्रदान करें। उन्होंन हिंस का तर्कों से परहेज करने का आग्रह करते हुए कहा थि कि हिंसा से हिंसा ही उत्पन्न होती है। यह कदापि विलम्ब नहीं है कि हिंसा से दूर रहा जाये।

महाधर्माध्यक्ष तोमासी ने हिंसा के शिकार हुए सब लोगों के प्रति सह्दयता व्यक्त करते हुए अपील की कि सब घायलों और प्रभावितों को मानवतावादी और चिकित्सीय सहायता अविलम्ब उपलब्ध करायी जाये। उन्होंने कहा कि परमधर्मपीठ (होली सी) सीरिया के सब निवासियों की ओर मैत्री का हाथ बढाकर उनकी जातीयता, धर्म या अन्य पृष्ठभूमि का भेद किये बिना ही सब सीरियावासियों के लिए मानवीय मर्यादा और न्याय की कामना करती है। सीरिया में विभिन्न धार्मिक और जातीय समुदायों के मध्य शांतिमय सहअस्तित्व का दीर्घकालीन इतिहास रहा है। वे सीरियावासियों से आग्रह करते हैं कि वे देश के नागरिकों की वैध आकांक्षाओं का प्रत्युत्तर देने के लिए राष्ट्रीय विरासत को नहीं भूला जाये। सीरिया, राष्ट्रों रूपी परिवार का सदस्य है इसलिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को परवाह और चिंता है कि क्षेत्र में शांति और स्थायित्व आये।

महाधर्माध्यक्ष तोमासी ने स्मरण कराया कि अनेक क्षेत्रीय और बहुपक्षीय संगठन विश्व में शांति और स्थायित्व का प्रसार करने के महत्वपूर्ण साधन हैं, विशेष रूप से संकट के समय में और इसलिए संवाद तथा मेलमिलाप के पथ में शांति स्थापना के लिए की जा रही पहलों का वे स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि प्राथमिक जिम्मेदारी सीरियावासियों पर ही है इसलिए वे पुनः सीरिया के लोगों से संत पापा द्वारा की गयी अपील को दुहराते हैं कि वे संवाद, मेलमिलाप और शांति के प्रति समर्पण को प्राथमिकता प्रदान करें।








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