2012-02-27 13:36:59

पूर्व अंगलिकनों का दल संत पापा से मिला


रोम, 27 फरवरी, 2012 (सीएनए) मोन्सिन्योर कीथ न्यूटन के नेतृत्व में पूर्व अंगलिकन कलीसिया के 100 सदस्यों ने 24 फरवरी को रोम की अपनी तीर्थयात्रा की।
इंगलैंड में बनाये गये ‘पर्सनल ऑर्डिनारियेट ऑफ आवर लेडी ऑफ वालसिंगम’ अध्यक्ष मोन्सिन्योर कीथ न्यूटन ने कहा, "यह बहुत ही मह्त्वपूर्ण बात है कि पिछले पास्का तक हममें से प्रत्येक जन काथलि नहीं था और अब वह उस स्थान पर है जहाँ कैथलिक धर्म के केन्द्र है और जहाँ संत पेत्रुस और पौलुस का कब्रस्थान है ताकि वह वहाँ प्रार्थना करां और ईश्वर को धन्यवाद दे।"
मोन्सिन्योर ने बतलाया कि तीर्थयात्रियों के लिये यह एक कृपा का समय था और वे सभी तीर्थस्थलों से बहुत प्रभावित हुए।
विदित हो कि संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने पिछले वर्ष अंगलिकन कलीसिया के सदस्यों को अपनी ‘अंगलिकन विरासत को बरकरार’ रखते हुए काथलिक कलीसिया में आने का मार्ग प्रशस्त किया था।
इसी प्रस्ताव के तहत् ‘पर्सनल ओरडिनारियेट ऑफ आवर लेडी ऑफ वालसिंघम’ की स्थापना की गयी जिसमें 57 पुरोहित और करीब 1,000 सदस्य हैं जो इंगलैड वेल्स और स्कॉटलैंड में निवास करते हैं। समाचार के अनुसार 200 लोकधर्मी और 20 पुरोहित शीघ्र ही इस समुदाय के सदस्य बनेंगे।
पूर्व अंगलिकन दल के उपदेशक और स्कोटिश एपिस्कोपालियन फादर लेन ब्लैक ने कहा कि उनके दिल में जो उद्गार है उन्हें सिर्फ़ "अच्छा" कह कर व्यक्त नहीं किया जा सकता।
पिछले बुधवार 22 फरवरी को संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने पौल षष्टम् सभागार में पूर्व अंगलिकनों से मुलाक़ात की और तीर्थयात्रियों ने धन्य जोन हेनरी न्यूमन द्वारा रचित गीत " प्रेज़ टू द होलियेस्ट गया ।
ज्ञात हो, धन्य जोन हेनरी न्यूमन 19वीं सदी के अंगलिकन थे जो बाद में काथलिक कार्डिनल बने और जिन्हें इस नये ओरडिनारियेट का संरक्षक बनाया गया है।
मोन्सिन्योर न्यूटन ने कहा, हमने ईश्वर पर भरोसा किया और ईश्वर ने हमें सबकुछ प्रदान किया है।


























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