रोम, 25 फरवरी, 2012(कैथलिक कल्चर) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने ‘सिरकोलो दी सन पियेतरो’
नामक संगठन को उनके जनहितकारी कार्यों के लिये सराहना की है। ‘चिरकोलो दी सान पियेतरो’
के प्रतिनिधियों ने 24 फरवरी शुक्रवार को संत पापा से मुलाक़ात की। संत पापा ने प्रतिनिधियों
को संबोधित करते हुए कहा, " सेवा और दयालुता ही सच्चे पड़ोसी प्रेम की माप है, विशेष
करके कमजोर और ज़रूरतमंदों की सेवा के लिये प्रयासरत रहना।" उन्होंने कहा, "सेवा
की इच्छा से प्रेरित हो हम ज़रूरतमंदों के आध्यात्मिक कल्याण के लिये भी अपना हाथ बढ़ा
सकते हैं।" "आज की संस्कृति अच्छाई और भलाई के अर्थ को खोती जा रही है फिर भी इस
बात का दावा करते हैं कि भलाई जीवित है और वह विजयी होगी।" संत पापा ने जनकल्याणकारी
कार्यों में संस्था द्वारा वाटिकन को मदद देने के लिये आभार प्रकट किया। विदित हो
कि ‘चिरकोला दि सान पियेतरो’ की स्थापना सन् 1869 ईस्वी में हुई थी जिसमें उच्च घराने
के काथलिक युवाओं इटली में याजक विरोधी ताकतों का विरोध करने और संत पापा का समर्थन करने
का बीड़ा उठाया था। अब यह संस्था मानव कल्याणकारी कार्यों से जुड़ चुकी है और ग़रीबों
की सेवा करती है। सीसी के अनुसार यह संस्था 3 सूप चिकन के द्वारा प्रत्येक वर्ष क़रीब
50 हज़ार लोगों के भोजन की व्यवस्था करती है।