2012-02-22 12:17:09

वाटिकन सिटीः राख बुधवार से काथलिक कलीसिया का चालीसा काल शुरु


वाटिकन सिटी, 22 फरवरी सन् 2012 (सेदोक): विश्व व्यापी काथलिक कलीसिया ने बुधवार, 22 फरवरी को, राख बुधवार की धर्मविधि सम्पन्न कर चालीसा काल का शुभारम्भ किया।

कलीसियाई परम्परा को जारी रखते हुए बुधवार, 22 फरवरी की सन्ध्या सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें, रोम स्थित सन्त आनसेलमो गिरजाघर जाकर राख बुध की धर्मविधि सम्पन्न करेंगे तथा इसके बाद सन्त सबिना गिरजाघर में ख्रीस्तयाग अर्पित करेंगे।

पास्का महापर्व से पूर्व पड़नेवाले चालीस दिनों के दौरान विश्व के काथलिक धर्मानुयायी प्रार्थना, ध्यान मनन चिन्तन, पश्चाताप, दान पुण्य, उपवास एवं परहेज़ रखकर प्रभु येसु मसीह के दुखभोग एवं क्रूसमरण की याद करते हैं। यह पवित्र काल राख बुधवार के दिन आरम्भ होता है तथा पास्का महापर्व से पूर्व, पुण्य सप्ताह की धर्मविधियों से समाप्त होता है।

अपने माथों पर भस्म रमा कर, काथलिक धर्मानुयायी, राख बुधवार का आरम्भ करते हैं। यह धर्मविधि मनुष्य को स्मरण दिलाती है कि वह क्षणभंगुर है, मिट्टी का है और एक दिन उसे वापस मिट्टी में मिलना है इसलिये अपने पापों पर वह पश्चाताप करे, प्रभु ईश्वर से क्षमा की याचना करे तथा अपना मन त्याग, तपस्या एवं मनन चिन्तन में लगाकर प्रभु का कृपा पात्र बने।

कुछ दिन पूर्व वाटिकन प्रेस ने, चालीसा काल के उपलक्ष्य में लिखे सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें के सन्देश की प्रकाशना की थी। इस सन्देश में सन्त पापा ने सभी काथलिक धर्मानुयायियों से आग्रह किया है कि चालीसा काल के दौरान वे अपने लिये ही नहीं बल्कि अपने इर्द गिर्द रहनेवालों केलिये भी उत्कंठित रहें। सन्देश का शीर्षक हैः "प्रेम एवं शुभ कार्यों को बढ़ावा देने के लिये हम एक दूसरे के प्रति चिन्तित रहें"। सन्त पापा इस बात पर बल देते हैं कि अन्यों के प्रति प्रेम एवं उदारता का मतलब केवल भौतिक या आर्थिक रूप से अन्यों की मदद करना नहीं है बल्कि आध्यात्मिक स्तर पर भी व्यक्ति को हर सम्भव मदद करना है।








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