कार्डिनलों का जीवन येसु-संचालित, विश्वास-प्रज्वलित और प्रेम-प्रेरित
वाटिकन सिटी, 18 फरवरी, 2012 (सेदोक, वीआर) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने 18 फरवरी,
शनिवार को संत पेत्रुस महागिरजाघर में आयोजित एक भव्य समारोह में यूखरिस्तीय समारोह में
22 नये कार्डिनलों को बनाया।
यूखरिस्तीय समारोह में प्रवचन देते हुए संत पापा
बेनेदिक्त सोलहवें ने कहा,"नये कार्डिनलों का लाल वस्त्र उनपर प्रेममय सेवा अर्थात् ईश्वर,
कलीसिया और पड़ोसियों के प्रति शर्तरहित प्रेम का ऐसा दायित्व प्रदान करता है कि यदि
इसके लिये शहीद होने की ज़रूरत हो तो वे इसके लिये भी तैयार रहें।"
उन्होंने कहा,
"कार्डिनलों का दायित्व यह भी है कि वे कलीसिया की सेवा गुरुओं की पारदर्शिता तथा विवेक,
चरवाहों की शक्ति तथा सामर्थ्य और शहीदों के विश्वास तथा साहस के साथ करें। उन्हें चाहिये
कि वे कलीसिया के ऐसे विशिष्ट सेवक बनें जिनका उदाहरण हम संत पेत्रुस में पाते हैं, जो
हमारी एकता के प्रत्यक्ष नींव हैं।"
"सच्चा विश्वास हममें, ईश्वर और पड़ोसियों
की सेवा तथा आत्मबलिदान करने की प्रेरणा देता और हमारे जीवन में रोजदिन इसका विकास करने
की जो शक्ति देता है वह दुनियावी शक्ति और ख्याति से भिन्न हैं।"
उन्होंने कहा,
"शक्ति के संबंध में ग़लत तर्क न केवल ज़ेबेदी के दो पुत्रों में थी पर अन्य दस चेले
भी ग़लत तर्क के शिकार थे। संत जोन ख्रीसोस्तम ने इस बात की पुष्टि की है कि ‘सभी चेले
अपूर्ण थे’।"
संत पापा ने कहा, ‘प्रभुत्व और सेवा’ ‘अहंकार और परोपकारिता’ ‘अधिकार
और उपहार’ ‘स्वार्थ और दान’, ये सभी परस्पर विरोधी दृष्टिकोण दुनिया में शुरु से सभी
स्थानों में व्याप्त है। पर येसु ने अपने जीवन के लिये एक अलग ही रास्ता चुना।
जैसा
कि संत मारकुस ने कहा, "मानव पुत्र इसलिये नहीं आया है कि वह सेवा कराये पर इसलिये कि
वह सेवा करे और लोगों के अपने जीवन का बलिदान कर दे। क्रूस पर येसु मसीह का पूर्ण बलिदान
आपके विश्वास की नींव और शक्ति हो जो आपके प्रेम में प्रकट हो।"
संत पापा ने कार्डिनलों
से कहा,"उनका जीवन येसु से संचालित उनका जीवन विश्वास से प्रज्वलित और प्रेम से प्रेरित
हो और वे माँ मरिया के उदारहण पर चलें जो सदा विश्वास में दृढ़ और ईश्वर की विनम्र दासी
बनी रही।"