वाटिकन सिटीः बुलाहटों के लिये प्रार्थना दिवस हेतु सन्त पापा के सन्देश की प्रकाशना
वाटिकन सिटी, 14 फरवरी सन् 2012 (सेदोक): वाटिकन ने सोमवार को, बुलाहटों के लिये प्रार्थना
दिवस के उपलक्ष्य में लिखे सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें के सन्देश की प्रकाशना कर दी।
इस सन्देश में सन्त पापा ने कहा है कि बुलाहटों को प्रोत्साहित करना कलीसियाई नेताओं
का दायित्व है।
बुलाहटों के लिये 49 वाँ प्रार्थना दिवस इस वर्ष 29 अप्रैल
को मनाया जा रहा है।
विश्व के धर्माध्यक्षों, पुरोहितों तथा समर्पित लोगों को
सम्बोधित कर सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें, सन्देश का आरम्भ इस प्रकार करते हैं, "मैं आप
सबसे आग्रह करता हूँ कि आप अपनी अपनी पल्लियों एवं कलीसियाई समुदीयों के उन सदस्यों पर
विशेष ध्यान दें जो पौरोहित्य अथवा समर्पित जीवन के इच्छुक हैं। कलीसिया के लिये ऐसे
वातावरण का निर्माण करना अत्यधिक महत्वपूर्ण है जिसमें अनेक युवा लोग ईश्वर की पुकार
का रचनात्मक प्रत्युत्तर दे सकें।"
सन्त पापा ने स्पष्ट किया कि बुलाहटों पर
ध्यान केन्द्रित करने का अर्थ है "मददगार मार्गदर्शन एवं दिशा निर्देशन करना।" इसके लिये,
सन्त पापा ने कहा, "ईश वचन के प्रति युवाओं में प्रेम को पोषित करना तथा सतत् प्रार्थना
के लिये उन्हें प्रेरित करना अनिवार्य है ताकि दैनिक जीवन के कोलाहल में भी वे ईश्वर
की बुलाहट सुनने में सक्षम बन सकें।"
पवित्र यूखारिस्त को प्रत्येक बुलाहटीय तीर्थयात्रा
का प्राण निरूपित कर सन्त पापा ने उक्त सन्देश में कहा कि यूखारिस्तीय संस्कार में हम
प्रभु येसु मसीह के बलिदान से रुबरु होते हैं क्योंकि वही प्रेम की पूर्ण अभिव्यक्ति
है। प्रभु येसु के इसी बलिदान पर चिन्तन हमें ईश प्रेम के ऊँचे स्तर के अनुकूल जीवन यापन
करना सिखाता है। सन्त पापा ने कहा कि इस प्रकार, "पवित्र धर्मग्रन्थ, प्रार्थना तथा यूखारिस्त
वे अनमोल कोष हैं जो ईश राज्य की सेवा में अर्पित जीवन के सौन्दर्य को बुद्धिगम्य करने
में हमें सक्षम बनाते हैं।"
सन्त पापा ने आशा व्यक्त की विश्व की समस्त स्थानीय
कलीसियाएं वे स्थल बन सकेंगे जहाँ सावधानीपूर्वक एवं सूझबूझ के साथ पौरोहित्य जीवन अथवा
समर्पित जीवन के लिये यथार्थ अभ्यर्थियों का चयन किया जा सकेगा। ऐसे स्थल जहाँ युवाओं
को विवेकी एवं समृद्ध आध्यात्मिक मार्गदर्शन मिल सकेगा।